जिलों में प्रशासन मजबूत हो तो लाभ आम जनता को मिलता है
उन्होंने कहा कि अगर जिलों में प्रशासन मजबूत हो तो इसका सीधा फायदा आम जनता को मिलता है, क्योंकि इससे बजट घोषणाओं को लागू करना आसान होता है। मॉनिटरिंग भी आसान होती है। इसके अलावा जिले में होने वाली आपराधिक घटनाओं पर बेहतर तरीके से काबू पाया जा सकता है। पीड़ितों की शिकायतें आसानी से जिला मुख्यालय तक पहुंच पाती है। गहलोत ने कहा कि अगर ये गलत था तो सरकार आते ही इसे खत्म कर देते, ऐसा करने में एक साल क्यों लगा? भजनलाल सरकार ने गहलोत शासन के दौरान बनाए गए 17 जिलों में से 9 को खत्म कर दिया है। तीनों संभाग भी खत्म कर दिए गए हैं। भजनलाल सरकार ने शनिवार को कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला लिया। इसके बाद से ही राजस्थान में सियासी घमासान मचा हुआ है। इस मुद्दे को लेकर आज पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने जयपुर में अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और भजनलाल सरकार पर बड़ा हमला बोला।
बिना सोचे-समझे महत्वपूर्ण जिलों को रद्द कर दिया
गहलोत ने कहा कि इन जिलों का गठन बेहतर प्रशासन और आम आदमी को राहत पहुंचाने के लिए किया गया था। लेकिन भजनलाल सरकार ने बिना सोचे-समझे महत्वपूर्ण जिलों को रद्द कर दिया। भाजपा सरकार का यह फैसला सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ पुराने ब्यूरोक्रेट्स अब मीडिया में कह रहे हैं कि ये जिले व्यावहारिक नहीं हैं। उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए। पता नहीं वे किसी डर में हैं या लालच में। कई लोग डरे हुए हैं और कुछ लोग पद के लालच में हैं।
उल्लेखनीय है कि भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार में बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 को रद्द कर दिया। 3 संभाग पाली, बांसवाड़ा और सीकर का दर्जा वापस ले लिया है। राजस्थान में अब 41 जिले और 7 संभाग होंगे।