मंत्री और संसदीय सचिव बनाया जा सकता है पिछले कई महीनों से बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय ( BSP MLA join Congress ) को लेकर चर्चा चल रही थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) के साथ बसपा विधायक कई बार बैठक भी कर चुके थे। माना जा रहा है कि इनमें से कुछ विधायकों को मंत्री और संसदीय सचिव बनाया जा सकता है।
पहले भी विधायक हो चुके हैं कांग्रेस में शामिल यह पहला मौका नहीं है जब प्रदेश में बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय हो रहा है । 2008 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी। उस समय गुढ़ा सहित 6 विधायक बसपा के टिकट पर विधानसभा में पहुंचे थे। गहलोत ने उस दौरान बसपा विधायक दल का कांग्रेस में विलय कराते हुए सभी 6 विधायकों को मंत्री बनाया था।
यह है बसपा विधायक
बसपा के टिकट पर उदयपुरवाटी से राजेंद्र सिंह गुढ़ा, नदबई से जोगिंदर सिंह अवाना, किशनगढ़बास से दीपचंद, करोली से लाखन सिंह, नगर से वाजिब अली तथा तिजारा से संदीप कुमार विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे।
2008 के चुनाव में बसपा से छह विधायक बने थे। नवलगढ़ से डॉ. राजकुमार शर्मा, उदयपुरवाटी से राजेंद्र सिंह गुढ़ा, गंगापुर से रामकेश, सपोटरा से रमेश मीणा, दौसा से मुरारीलाल मीणा तथा बाड़ी से गिर्राज सिंह मलिंगा बसपा के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। उस समय कांग्रेस का संख्याबल 96 पर ही अटक गया था। बसपा और गोलमादेवी के सहयोग से सरकार बनी और चली, लेकिन सभी बसपा विधायक बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए गए।