नगरीय विकास कर पर फोकस:
केंद्र से मिलने वाले अनुदान की वजह से दोनों ही शहरी सरकारों का ध्यान नगरीय विकास-कर की वसूली पर है। पिछले वित्तीय वर्ष में दोनों शहरी सरकारों ने मिलकर 103 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया था। इसमें से 34 करोड़ रुपए हैरिटेज नगर निगम का है। यही वजह है कि इस वित्तीय वर्ष में हैरिटेज नगर निगम ने 66 करोड़ रुपए और ग्रेटर निगम ने 117 करोड़ रुपए यूडी टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा है।
ऐसे मिलेगा केंद्र से पैसा:
वित्तीय वर्ष राशि (करोड़ में)
2023-24 274
2024-25 290
2025-26 295
किसका कितना बजट
इस वित्तीय वर्ष पिछला बजट
हैरिटेज 1082 879
ग्रेटर 1006 895
(राशि करोड़ में।)
—जनता के होंगे ये सीधे काम
मद ग्रेटर हैरिटेज
सडक़ निर्माण 35 —— 30
सीवर लाइन 15 —— 32
अन्य निर्माण कार्य 33 —— 32
सडक़-नाली रखरखाव 40 —— 40
(राशि करोड़ में है।)
यहां से आएगा पैसा
-30 करोड़ रुपए होर्डिंग की नीलामी से कमाने का लक्ष्य ग्रेटर निगम का
– 20 करोड़ रुपए यूजर चार्ज वसूली का लक्ष्य रखा ग्रेटर निगम ने
– 06 करोड़ रुपए पार्किंग स्थल से कमाएगा हैरिटेज निगम
– 24 करोड़ रुपए होर्डिंग से कमाने का लक्ष्य लेकर चल रहा हैरिटेज निगम
ये प्रावधान भी
– पार्षदों को घुमाने के लिए 50 लाख रुपए का बजट प्रावधान रखा हैरिटेज निगम ने
– आठ करोड़ रुपए से हैरिटेज निगम की सीमा क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी बजट में प्रावधान
ढाई वर्ष के बोर्ड में एक साधारण सभा की बैठक होना इस बात का परिचायक है कि महापौर को पार्षदों से डर लगता है। वार्डों में विकास कार्य ठप हैं। निगम की आर्थिक स्थिति खराब है। अच्छा होता पहले बजट बैठक बुलाई और उसमें चर्चा होती।
– रेखा राठौड़, पार्षद भाजपा, हैरिटेज निगम
साधारण सभा की यदि बैठक होती तो उसमें वार्डों के विकास कार्यों पर चर्चा होती। पिछली बोर्ड बैठक में भी जब वार्डों की बात आई तो महापौर ने सभा स्थगित कर दी। इससे साबित होता है कि विकास कार्यों से भाजपा बोर्ड का कोई लेना-देना नहीं है।
– राजीव चौधरी, नेता प्रतिपक्ष, ग्रेटर निगम