रविवार को चूरमे के लिए बनी बाटियों की 2 थ्रेसर से पिसाई की गई। सोमवार को चूरमे में जेसीबी से खांड, घी, काजू, बादाम, किशमिश व खोपरा मिलाया गया। चूरमे में काम में लिया जाने वाला घी गांव से ही इकट्ठा किया गया है। भंडारे के लिए 551 क्विंटल चूरमे की प्रसादी बनाने के लिए ग्रामीण बिना हलवाई की खुद ही उत्साह के साथ जुटे हुए हैं।
29 जनवरी को सुबह 11 हजार महिलाओ के द्वारा कलश यात्रा निकाली जाएगी और गुरुवार को भण्डारा व दोपहर में धमाल कार्यक्रम आयोजित होगा। भैंरू बाबा मन्दिर पर हेलीकॉप्टर से पुष्वपर्षा की जाएगी। मेले मे हजारों वाहनों की पार्किंग की जिम्मेदारी ग्रामीणों द्वारा उठाई जाती है। दूसरी ओर मेले में व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन भी चाक-चौबन्द हैं। इसके लिए करीब चार थानों से पुलिस जवानों की तैनाती की जाएगी।
इस मौके पर एम्बुलेस, फायर बिग्रेड आदि संसाधन तैनात रहेंगे। ग्रामीण जयराम जेलदार, पुजारी रोहिताश बोफा, कैलाश धाबाई ने बताया की स्कूलों के 5 हजार वॉलिंटियर, 3 हजार पुरुष कार्यकर्ता, 500 महिला स्वयंसेवक इस दौरान सेवाएं देंगे। श्रद्धालुओं को प्रसादी परोसने के लिए 2.5 लाख पतल, 4 लाख कप चाय के लिए मंगवाए गए हैं। पीने के पानी के लिए 15 पानी के टैंकर खड़े करवाए जाएंगे।
सफाई का विशेष ध्यान…….
प्रसादी के लिए बनाए जा रहे चूरमे की बाटियों को जगरे से निकालने के बाद कंप्रेसर से सफाई की जा रही है, ताकि इनमें मिट्टी व राख के कण नहीं रहे। इसके अलावा चूरमे को मिलाने के लिए भी कार्यकर्ता हाथ व पांव में पॉलीथिन पहन कर ही कार्य करते हैं। फैक्ट फाइल
150 क्विंटल आटा, 50 क्विंटल सूजी, 30 क्विंटल देसी घी, 100 क्विंटल खाण्ड, 10 क्विंटल मावा, 3 क्विंटल बादाम, 3 क्विंटल किशमिश, 3 क्विंटल काजू, 3 क्विंटल खोपरा, 50 क्विंटल दूध आटे में, 100 क्विंटल दूध का दही व 35 क्विंटल दाल को मिलाकर कुल 551 क्विंटल की महाप्रसादी तैयार की जाएगी।
दाल बनाने में यह सामग्री काम में ली जाएंगी
35 क्विंटल दाल, 20 पीपा सरसों तेल, 5 क्विटल टमाटर, 2 क्विटल हरी मिर्च, 1 क्विटल हरा धनिया। वहीं दाल में 60 किलो लाल मिर्च, 60 किलो हल्दी, 40 किलो जीरा डाला जाएगा।