अब बच्ची 120 फीट पर अटकी है। अब एनडीआरएफ नए प्लान के अनुसार 150 का समानांतर गड्ढा खोदा जाएगा। मंगलवार देर रात तक चार देसी टेक्नीक फेल होने के बाद पाइलिंग मशीन का इस्तेमाल शुरू किया गया है। इससे पहले मंगलवार सुबह बच्ची को एल बैंड से बाहर लाने का प्रयास किया गया था। वहीं सोमवार को रातभर बच्ची को निकालने के प्रयास किए गए थे।
पाइलिंंग मशीन से 160 फीट तक करेंगे खुदाई.. एनडीआरएफ प्रभारी योगेश मीणा ने बताया कि प्लान ए और प्लान बी पर काम हो रहा है। प्लान बी में पाइलिंग मशीन से खुदाई शुरू की जा चुकी है। बोरवेल के पास जेसीबी से 10 फीट का गड्ढा खोद दिया गया है। पाइलिंग मशीन की क्षमता 150 फीट तक खोदने की है। इसलिए 10 फीट तक पहले जेसीबी से खुदाई करेंगे। 160 फीट तक खुदाई करेंगे। बच्ची को लॉक कर रखा है। बच्ची को ऊपर लाने का प्रयास कर रहे हैं।
कैमरों से बच्ची पर रखी जा रही नजर .. कैमरों की मदद से बच्ची के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। नजर रखने के लिए एक अन्य कैमरा लगाया गया है। मिट्टी की वजह से काफी मुश्किल आ रही है जो लगातार थोड़ी-थोड़ी कर कैमरे पर गिर रही है। जिससे कैमरे की विजिबिलिटी पर असर पड़ रहा है।
दादा ने लगाया लापरवाही का आरोप… बच्ची के दादा हरसहाय चौधरी ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- प्रशासन कह रहा है कि हम मिट्टी हटा रहे हैं। फिर 28 घंटे बाद मशीन से गड्ढा खोदने का फैसला किया। लापरवाही हो रही है। वहीं कोटपूतली उपखंड अधिकारी बृजेश कुमार ने मीडिया को बताया- बच्ची को बचाने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हमारा पहले प्लान ए था कि बच्ची को अलग-अलग उपकरणों की मदद से बोरवेल से बाहर निकाल लें। उसमें सफलता नहीं मिली तो हम प्लान B पर आए हैं। अब हम पाइलिंग मशीन के जरिए गड्ढा खोद रहे हैं।
ऐसे हुआ था हादसा… सरूण्ड थाने के ग्राम किरतपुरा की ढाणी बडियाली वाली में सोमवार दोपहर करीब 2 बजे खेल-खेल में तीन वर्षीय बालिका खुले बोरवेल में 150 फीट नीचे गिर गई थी।बालिका के बोरवेल में गिरने की जानकारी होने व बोरवेल से उसकी आवाज नहीं सुनाई देने पर उसकी माता व परिजनों की रूलाई फूट पड़ी। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। परिजनों के अलावा ग्रामीण बालिका सुरक्षित जिदंगी के लिए प्रार्थना कर रहे है।