scriptDiwali 2024: 31 अक्टूबर या 1 नवंबर, आखिर कब है दिवाली ? पंचाग और सरकारी कैलेंडर के चलते पड़ा चक्कर, जानें | 31 October or 1 November, when is Diwali 2024? Confusion between Panchag and Government Calendar | Patrika News
जयपुर

Diwali 2024: 31 अक्टूबर या 1 नवंबर, आखिर कब है दिवाली ? पंचाग और सरकारी कैलेंडर के चलते पड़ा चक्कर, जानें

Diwali 2024: पंचागों और सरकारी कैलेंडर में अवकाश को लेकर मतभेद के चलते असमंजस की स्थिति

जयपुरSep 30, 2024 / 09:07 am

Rakesh Mishra

Diwali 2024
हर्षित जैन
Diwali 2024: वर्ष के सबसे बड़े महापर्व दिवाली में लगभग एक माह शेष है, लेकिन हिंदू पंचागों और सरकारी कैलेंडर में अवकाश को लेकर मतभेद के चलते लोग असमंजस में हैं। दरअसल केंद्र और राज्य सरकार के कैलेंडर में दिवाली का अवकाश 31 अक्टूबर को है, जबकि राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और मध्यप्रदेश के ज्योतिषीय पंचागों में दिवाली का पर्व एक नवंबर को बताया है।
हालांकि, कुछ पंचांगों में 31 अक्टूबर को दिवाली पर्व की जानकारी से असमंजस की स्थिति बनी है। ज्योतिष विधा के जानकारों के अनुसार प्रदोष काल में दो दिन अमावस्या रहने पर दूसरे दिन (सूर्योदय से शाम तक अमावस्या) ही दीपोत्सव मनाना व लक्ष्मी पूजन शास्त्र सम्म्मत माना गया है। राजस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि दिवाली पर्व का कर्मकाल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर प्रदोष काल (शाम के समय) में बताया है।
धर्मसिंधु ग्रंथ के अनुसार यदि अमावस्या प्रदोष काल में दो दिन रहती है तो दूसरे दिन सूर्योदय से शाम तक अमावस्या के दौरान प्रदोष काल में दीपोत्सव मनाने के साथ ही लक्ष्मी पूजन भी किया जा सकता है। इस बार अमावस्या 31 अक्टूबर की दोपहर 3.53 बजे से शुरू होकर एक नवंबर की शाम 6.17 बजे तक रहेगी। ऐसे में अमावस्या की तिथि के दौरान दो दिन प्रदोष काल रहेगा। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बाद एक घड़ी से अधिक अमावस्या होने पर वह पर्व मनाया जा सकता है। एक नवंबर को जयपुर में सूर्यास्त शाम 5.40 बजे होगा। इसके बाद करीब 37 मिनट तक अमावस्या रहेगी।
Diwali 2024

शंकराचार्य आएं आगे

ज्योतिर्विद पं. घनश्याल लाल स्वर्णकार के मुताबिक इस मामले में देश के प्रमुख शंकराचार्य और केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। विद्वतजनों से चर्चा कर शास्त्रानुसार पर्व के लिए एक निर्णय की आवश्यकता है, ताकि लोगों को परेशानी न हो।
त्रयोदशी तिथि : 29 अक्टूबर की सुबह 10.32 से 30 अक्टूबर की दोपहर 1.16 बजे
चतुर्दशी तिथि : 30 अक्टूबर की दोपहर 1.16 से 31 अक्टूबर की दोपहर 3.53 बजे तक
अमावस्या : 31 अक्टूबर की दोपहर 3.53 बजे से एक नवंबर की शाम 6.17 बजे तक
बनारस, काशी के कुछ पंचांगों के साथ ही महाराष्ट्र, केरल के कुछ हिस्सों में भी 31 अक्टूबर को दिवाली पर्व बताया है। धर्मपुण्य के दृष्टिकोण से एक नवंबर को ही दिवाली का पर्व रहेगा।

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