mandi Protest: राजस्थान की 247 मंडियां दूसरे दिन भी बंद
जयपुर। दालों पर स्टॉक लिमिट लगाने के विरोध में लगातार दूसरे दिन बुधवार को प्रदेश की सभी 247 कृषि उपज मंडियां और 600 से अधिक दाल मिलें बंद रहेंगी। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि राज्य की सभी 247 मंडियों में बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और जिला कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। गुप्ता ने साफ किया की अगर सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है, व्यापारी आगामी रणनीति पर विचार करेंगे।व्यापार बंद के कारण मंडियों और दाल मिलों का कारीब 1700 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ। इससे व्यापारी को करीब 34 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ, साथ ही सरकार को भी राजस्व का करीब 60 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। मंगलवार को राज्य की सभी मंडियों में धरने-प्रदर्शन किए गए और
ये है मांगे
स्टॉक लिमिट को वापस लेने और प्रदेश में नए कृषि कानूनों को लागू नहीं करने की मांग की गई है। देश में दालों का उत्पादन भी 240 लाख टन के करीब है। फिर भी थोक व्यापारियों के लिए स्टॉक लिमिट एक दाल के लिए 100 टन रखी गई है, जबकि राजस्थान दालों में सरप्लस हैं। प्रदेश में 28 लाख टन के करीब चना, 15 लाख टन के करीब मूंग, एक लाख टन उड़द, 3 से 5 लाख टन मोठ, 50 हजार टन चौला, 10 हजार टन अरहर पैदा होती है, जिनकी खपत राजस्थान में 25 फीसदी ही है।
दाल मिलों का आंकड़ा
जयपुर की 170, बीकानेर की 100, जोधपुर की 50 एवं पूरे राजस्थान की 600 दाल मीलों ने व्यापार बंद रखकर विरोध जताया। मण्डियां तथा दाल मीलें बुधवार को भी बंद रहेगी।
व्यापारी और किसान को भारी नुकसान
केन्द्र सरकार के इस फैसले से व्यापारी और किसान दोनों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। प्रमुख दलहन सरकार के घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य प्के नीचे पहले ही बिक रही है। दालों पर स्टॉक सीमा लगाने के बाद इनके दाम और गिरेंगे। सरकार को दालों पर स्टॉक सीमा तय का फैसला वापस लेना चाहिए। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने महंगाई और जमाखोरी रोकने के लिए मूंग को छोड़कर अन्य सभी दालों की स्टॉक सीमा तत्काल प्रभाव से तय कर दी थी। यह सीमा थोक व खुदरा विक्रेताओं, आयातकों और मिल मालिकों के लिए 31 अक्टूबर तक लागू की गई है।