Power crisis: राजस्थान के लिए कोल इंडिया व कोल ब्लॉक से 20 रैक डिस्पेच
जयपुर। कोयले के देश व्यापी आपूर्ति संकट के बीच राहत भरी खबर यह है कि राजस्थान के लिए कोयले की 20 रैक डिस्पैच कराने की कामयाबी मिल गई। कोल इंडिया की अनुशंगी इकाइयों और विद्युत उत्पादन निगम व अडानी के संयुक्त उपक्रम से कोयले की पांच रैक अधिक डिस्पैच होने से बड़ी राहत मिली है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर दिन में अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. अग्रवाल दिल्ली के लिए रवाना हुए और बुधवार को दिल्ली में केन्द्रीय कोयला सचिव अनिल कुमार जैन और केन्द्रीय पर्यावरण सचिव आरपी गुप्ता से अलग-अलग मुलाकात कर कोयले की आपूर्ति बढ़वाने व संयुक्त उपक्रम में फेज दो की पर्यावरण स्वीकृति जारी कराने के लिए चर्चा की। केन्द्र सरकार के दोनों ही सचिवों से वार्ता उत्साहजनक रही और दोनों ही सचिवों ने सहयोग का विश्वास दिलाया।
एसीएस एनर्जी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत देशव्यापी विद्युत संकट को लेकर गंभीर है और उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री के निर्देशों का परिणाम रहा है कि प्रदेश में कोयले की रैक डिस्पैच में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जहां पहले दस ग्यारह तक रैक डिस्पैच की स्थिति आ गई थी, उसमें सुधार होते हुए देररात को 20 रैक डिस्पेच हुई है।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कोल इंडिया की अनुशंगी इकाई एनसीएल से 4 रैक डिस्पेच हुई है, वहीं एसईसीएल से जहां मुश्किल से एक रैक डिस्पैच हो रही थी वह बढ़कर रेल व रोड मार्ग से 3 अतिरिक्त रैक सहित 4 रैक डिस्पेच हुई है। इसी तरह से विद्युत उत्पादन निगम और अडानी के संयुक्त उपक्रम से कोयले की 12 रैक डिस्पेच करवाई गई है। इस तरह से प्रदेश के लिए 20 रैक डिस्पैच हुई है, जबकि इससे पहले वाले दिन 16 और उससे पहले एक बार तो 10 से 11 व इससे कम रैक की स्थिति आ गई थी। उन्होंने बताया कि कोयले की रैक डिस्पेच मात्रा में सुधार के साथ ही विद्युत उत्पादन और आपूर्ति में तेजी से सुधार आएगा। एसीएस डॉ. अग्रवाल ने केन्द्रीय सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय आरपी गुप्ता से मुलाकात कर राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम और अड़ानी के संयुक्त उपक्रम परसा ईस्ट एवं कांता बासन की द्वितीय चरण वन भूमि 1136 हैक्टेयर के हस्तांतरण होना है। परसा कोल ब्लॉक की दूसरे चरण की वन स्वीकृति प्राप्त होना पेंडिंग है। केन्द्रीय पर्यावरण सचिव ने दोनों स्वीकृतियों पर शीघ्र कार्यवाही का विश्वास दिलाया है।