जयपुर

डूबते बच्चों की जान बचाने बांध में विधायक भी उतरे, अफसोस दोनों बच्चों की हुई दर्दनाक मौत

( 2 children drowning ) बारिश का पानी देखने गए दो बच्चों की नदी में डूबने से मौत हो गई। हादसे की जानकारी मिलते ही परिजन द्रव्यवती रिवर फ्रंट ( dravyavati river ) पर पहुंचे लेकिन बच्चे दिखाई नही दिए तो उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। मौके पर पहुंची सांगानेर पुलिस और सिविल डिफेंस की टीम ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद दोनों बच्चों के शव निकाले।

जयपुरJul 29, 2019 / 01:27 am

abdul bari

डूबते बच्चों की जान बचाने बांध में विधायक भी उतरे, अफसोस दोनों बच्चों की हुई दर्दनाक मौत

जयपुर
सांगानेर स्थित गूलर बांध के पास द्रव्यवती रिवर फ्रंट पर ( dravyavati river ) रविवार को बारिश का पानी देखने गए दो बच्चों की नदी में डूबने से मौत ( 2 children drowning ) हो गई। हादसे की जानकारी मिलते ही परिजन द्रव्यवती रिवर फ्रंट पर पहुंचे लेकिन बच्चे दिखाई नही दिए तो उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। मौके पर पहुंची सांगानेर पुलिस और सिविल डिफेंस की टीम ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद दोनों बच्चों के शव निकाले।
एसीपी सांगानेर ( jaipur police ) पूनम विश्नोई ने बताया कि मृतक मोहम्मद शाहिद (13) और समीर (12) सुभाष कॉलोनी के रहने वाले थे। रविवार सुबह साढ़े दस बजे कॉलोनी के कुछ बच्चों के साथ ये द्रव्यवती रिवर फ्रंट पर बरसात का पानी देखने गए थे। द्रव्यवती नदी किनारे रैलिंग टूटी हुई थी तो दोनों बच्चे ढलान पर बैठ गए।
 

चप्पल फिसलकर पानी में गिरी


इस दौरान शाहिद की चप्पल पानी में गिर गई। वह उसे लेने पानी में उतर गया। इसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह पानी में डूबने लगा। शाहिद को पानी में डूबते देख समीर उसे बचाने के लिए पानी में उतर गया और इसके बाद दोनों पानी में डूबने लगे। यह देख दूसरे बच्चे घबरा गए और उन्होंने कॉलोनी में आकर बच्चों के डूबने की सूचना दी।
 

परिजनों ने भी लगाए गोते


बच्चों के साथ हादसे की सुनते ही उनके परिजन और कॉलोनीवासी दौड़कर वहां पहुंचे। उनमें से कुछ लोग बच्चों को ढूंढऩे पानी में भी कूद गए। काफी तलाश करने के बाद भी बच्चे नहीं मिले। इस बीच कुछ लोगों ने कंट्रोल रूम को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस और सिविल डिफेंस की टीम ने सर्च अभियान शुरू किया।

15 फुट गहरे गड्ढे में मिले शव

तलाशी अभियान के दौरान दोपहर सवा दो बजे शाहिद का शव मिला और उसके 15 मिनट बाद ही समीर का शव पानी से निकाला गया। सिविल डिफेंस की टीम ने बताया कि बच्चों के शव पानी के अंदर 15 फुट गहरे गड्ढे में मिले।
टूटी हुई थी रैलिंग

स्थानीय निवासियों ने बताया कि हादसे की जगह पर रैलिंग नहीं थी। इस वजह से हमेशा बच्चों के लिए खतरा बना रहता है। साथ ही, वहां चेतावनी बोर्ड भी नहीं था। द्रव्यवती नदी के किनारे रैलिंग टूटी हुई है। सूचना मिलने पर किशनपोल विधायक अमीन कागजी भी बांध पर पहुंचे और रस्सी के सहारे बच्चों की तलाश में पानी में उतरे।
अस्पताल पहुंचे विधायक कागजी

इसके बाद विधायक महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचे और परिजनों को ढांढ़स बंधाया। विधायक अमीन कागजी ( mla amin kagzi ) ने कहा कि ऐसी जगह जहां रैलिंग नहीं है और हादसों की संभावनाएं हैं। वहां जेडीसी से बात करके सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, परिजनों को मुआवजे के लिए सरकार से बात की जाएगी।
 

12 बजे मिली पुलिस को सूचना


सांगानेर थाने के कांस्टेबल रामवतार ने बताया कि दोपहर 12 बजे बजे कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि गूलर बांध में बच्चे डूब रहे हैं। उस समय मैं ड्राइवर राजेश और चेतक इंचार्ज हैड कांस्टेबल श्यामलाल गोशाला के पास थे। सूचना मिलते ही तुरंत वहां पहुंच गए। वहां देखा बांध पर काफी भीड़ थी। कुछ लोग पहले से बच्चों को तलाश रहे थे।
 

गंदा पानी और कचरा बना बाधा


कांस्टेबल रामअवतार ने बताया कि मौके पर एक मिनट भी देरी नहीं करते हुए उसने पानी में छलांग लगा दी। हैडकांस्टेबल श्यामलाल भीड़ को पानी से दूर करने में लग गए। लोगों से बांस मंगवाए। बार-बार मैं पानी के अंदर जाकर देखता लेकिन गंदा पानी और कचरा होने की वजह से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। इसी बीच सिविल डिफेंस की टीम पहुंच गई। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद बच्चों के शव बाहर निकाले जा सके।
 

घरों में मचा कोहराम

शाहिद पांचवीं और समीर चौथी कक्षा में पढ़ता था। शाहिद घर में सबसे छोटा था। समीर के एक भाई और एक बहन है। शाहिद का पिता मोहम्मद सनी छपाई का काम करता है। शाम को जब दोनों बच्चों के शव घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। बच्चों की मां और बहनों का रो-रोकर बुरा हाल था। कॉलोनीवासी भी गमगीन दिख रहे थे।

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