नकल मामले को उजागर करने वाली पुलिस का दावा है कि पहली बार गिरोह ने परीक्षा सेंटर से 7 से 22 किलोमीटर दूर बैठकर एमईआइडी सॉफ्टवेयर से पेपर सॉल्व किया। परीक्षा सेंटर पर अभ्यर्थी कप्यूटर के सामने मात्र डमी की तरह बैठा था और कई किलोमीटर दूर से कंप्यूटर की स्क्रीन शेयर कर गिरोह पेपरसॉल्व कर रहा था। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा कि नकल करवाने वाला गिरोह अन्य जिले व राज्यों में सक्रिय है, अभी इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
इतने लाख में तय किया सौदा
गिरोह के अन्य सदस्य व हरियाणा निवासी परमजीत व जोगेन्द्र के पकड़े जाने के बाद इसकी स्थिति स्पष्ट होगी। पुलिस ने बताया कि गिरोह ने एक-एक अभ्यर्थी से 5 से 10 लाख रुपए में परीक्षा पास करवाने का सौदा तय किया था और 50 हजार रुपए अग्रिम लिए। जमानत के तौर पर बैंक चेक भी लिए थे।कई अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र मिले
गिरोह के गिरफ्तार सदस्यों के मोबाइल में कई अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र भी मिले हैं। गिरफ्तार सभी 14 आरोपियों को वैशाली नगर थाने में रखा गया है और सोमवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें सात दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा है। आरोपियों से पूछताछ के बाद पेपर सॉल्व करने का सौदा कितने में हुआ, इसकी स्थिति स्पष्ट होगी।दो माह पहले हरियाणा गैंग के संपर्क में आया
जयपुर गिरोह के सरगना संदीप कुमार जाट ने पूछताछ में बताया कि दिसंबर में हरियाणा निवासी परमजीत व उसके साथी नंदू के संपर्क में आया था। तब दोनों ने बैंक प्रमोशन की परीक्षा में दो लोगों को पास करवाने के लिए संपर्क किया, लेकिन परीक्षा नेटबूट पर होने के कारण नकल नहीं कर पाए थे। उसने बताया कि विंडोज पर होने वाली परीक्षा में टीम व्यूअर व एमी एडमिन काम करते हैं, इससे नकल करवाना आसान हो जाता है। आरोपियों ने पूर्व में रेलवे, आरपीएफ प्रमोशन टेस्ट सहित अन्य परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को नकल करवाकर पास करवाने की साजिश रचकर लाभ पहुंचाया। तब संदीप, टिंकू चौधरी उर्फ गुरुजी, परमजीत, कश्मीर, जोगेन्द्र, लॉरेंस लैब का मालिक सहित अन्य ने पेपर सॉल्व व नकल करवाने में मदद की।
8 अभ्यर्थियों से संपर्क किया
आरोपियों ने रविवार को आयोजित परीक्षा में 8 अभ्यर्थियों से संपर्क किया था। एमी एडमिन के पासवर्ड से पेपर सॉल्व करवाया जाता है। हाल ही 21-22 दिसबर को रेलवे टेक्नीशियन भर्ती में बरजी देवी स्कूल के परीक्षा सेंटर सीकर में रिंकू मीणा ने नाम के अभ्यर्थी को नकल करवाई थी। इसके अलावा अन्य परीक्षा में भी पेपर सॉल्व किया।परीक्षा सेंटर के लिए बने ठोस नीति
डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि प्रतियोगी भर्ती परीक्षाओं के लिए ठोस नीति बने। इसके लिए जयपुर पुलिस व एटीएस-एसओजी भी कार्रवाई कर रही है। स्कूल-कॉलेज प्रशासन कंप्यूटर लैब के लिए निजी लोगों को ठेका दे देते हैं। बाद में परीक्षा करवाने वाली एजेंसी इन निजी लोगों से संपर्क कर उनके लैब में परीक्षा सेंटर जारी कर देते हैं। इससे नकल करवाने वाले गिरोह इन लैब संचालकों से संपर्क कर नकल करवाते हैं। बड़ी संख्या में लैब संचालक आपस में जुड़े रहते हैं। नकल के लिए संचालक सीधे अभ्यर्थियों से संपर्क करते हैं और कई बाद दलालों के जरिये संपर्क करते हैं।
इनकी रही विशेष भूमिका
कमिश्नरेट व एटीएस-एसओजी के 78 पुलिस अधिकारी व कर्मी गिरोह की धरपकड़ में जुटे। सूचना के बाद शाम को गिरोह का पता लगाकर पर्दाफाश किया। मामले में उप अधीक्षक नरेन्द्र दायमा, मनीष शर्मा, एसएचओ रवीन्द्र सिंह नरूका, जहीर अब्बास, भवानी सिंह, गणेश सैनी, भरत महर, दिलीप खदाव, साइबर सेल के हेड कांस्टेबल दिनेश, मनफूल सहित अन्य पुलिसकर्मियों की अहम भूमिका रही।मामला दर्ज
धारा 318(4), 61(2) भारतीय न्याय संहिता 2023, 66 डी आइटी एक्ट, 3,4,8,10(1)(2) एण्ड 11(1) द पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट 2024 के तहत मामला दर्ज किया है।सूचना मिलने के 24 घंटे में धरपकड़
- * रविवार शाम 6 बजे पुलिस को मिली पेपर लीक की सूचना
- * 6.30 बजे कमिश्नरेट में ए श्रेणी की नाकाबंदी करवाई
- * धरपकड़ के लिए पुलिस ने 11 टीमें बनाईं
- * सोमवार तड़के 4 बजे 14 आरोपी पकड़े, दो सीकर में दबोचे
- * दोपहर 1 बजे सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया
- * शाम 6 बजे आरोपियों को 7 दिन के रिमांड पर सौंपा
बीजू जॉर्ज जोसफ, पुलिस कमिश्नर, जयपुर कमिश्नरेट