Year Ender 2024: सड़क हादसों का बढ़ते जा रहा सिलसिला
ऐसे में एहतियात बरतने की जरूरत है क्योंकि 2024 हादसों का साल रहा, 487 सड़क दुर्घटना में 247 लोगों की मौत हुइ है, जो 2023 के मुकाबले अधिक है। वहीं 422 लोग हादसों में घायल हुए हैं। इस तरह बस्तर में लगातार सड़क हादसों का सिलसिला बढ़ते ही जा रहा है। प्रशासन ने सड़क हादसों को रोकने के लिए कई प्रयास किए किन्तु सभी प्रयास असफल साबित हो रहे हैं। पिछले 5 सालों में बस्तर जिले में कुल 2351 सड़क दुर्घटना दर्ज की गई जिसमें 935 लोगों की मौत हुई जबकि 1786 घायल हुए हैं।Year Ender 2024: हादसों में शहरी क्षेत्र भी पीछे नहीं
सड़क दुर्घटनाओं में शहरी क्षेत्र भी पीछे नहीं रहा। इस वर्ष कोतवाली थाना क्षेत्र में कुल 107 सड़क हादसे हुए है। जिनमें 27 लोगों की मौत हुई है जबकि 72 लोग घायल हुए हैं। वहीं बोधघाट और परपा की बात की जाय तो यहां पर 118 सड़क दुर्घटनाओं में 38 लोगों की मौत हुई है वहीं लगभग 99 लोग घायल हुए हैं। इस तरह शहरी इलाके में सड़क हादसे में मरने वाले की संख्या 65 रही है।सबसे अधिक हादसे ग्रामीण इलाके में
बस्तर जिले में इस साल सबसे अधिक सड़क हादसे हुए है। यातायात पुलिस से मिले आंकड़ों के मुताबिक बस्तर जिले के ग्रामीण इलाके में कुल 249 सडक दुर्घटना हुए हैं। इनमें 136 लोगों की जान गई है और 256 घायल हुए हैं। ग्रामीण इलाके में ज्यादातर दुर्घटनाएं मालवाहक गाड़ी में सवारी भर कर लापरवाही पूर्वक चलाने में होती है। बस्तर के कई ग्रामीण इलाके आज भी परिवहन की सुविधा से वंचित हैं जिसकी वजह से लोग इस तरह के वाहनों में जोखिम भरा सफर करते हैं। यह भी पढ़े: CG Accident News: दो बाइक में भिड़ंत, एक की मौत, दूसरा गंभीर रूप से घायल
हर एक मिनट पर सड़क दुर्घटना
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत मे हर मिनट एक सड़क दुर्घटना होती है। यहां सड़क दुर्घटना में मृत्यु नौवे स्थान पर है। मृत्यु के प्रमुख कारणों में नौवें स्थान पर हैं। एक अन्य अध्ययन में पता चला था कि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करने वाले चालकों में से 31 प्रतिशत चालक दुर्घटनाओं के शिकार हुए हैं।जागरूकता की जरूरत
मोबाइल फोन हादसों की वजह न बनें, इसके लिए आप और हमें जागरूक होना होगा, वहीं पुलिस को भी अपनी ड्यूटी समझनी होगी।भाग-दौड़ भरी ङ्क्षजदगी में सेल फोन हमारी ङ्क्षजदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। गाड़ी चलाते समय सेलफोन का बिलकुल इस्तेमाल न करें। यह सिर्फ फोन पर बात करने वाले के लिए नहीं है, मोबाइल पर मैसेज पढ़ना या कुछ और करना भी खतरनाक साबित हो सकता है। बहुत जरूरी होने पर सड़क किनारे सुरक्षित जगह पर गाड़ी खड़ी कर मोबाइल का इस्तेमाल करे।कसा जाएगा शिंकजा
डीएसपी यातायात विभाग, संतोष जैन: तेज गति से वाहन चलाने और दुपहिया चालकों द्वारा हेलमेट का उपयोग नहीं करने से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी है। आने वाले समय में सड़कों में ऐसे वाहन चालकों पर शिकंजा कसा जाएगा।वाहन चालक होते हैं म्यूजिक के आदि
एक रिपोर्ट के मुताबिक सड़क में चल रहे वाहन चालकों में लगभग 60 फीसदी वाहन चालक गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करते पाया गया है। फोन में बात करने की प्रवृत्ति और संगीत का लत कई बार भारी पड़ जाता है। वाहन चलाते समय फोन का उपयोग करना कभी कभी अन्य चालकों और पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए खतरा बन जाता है। आने वाले दिनों में अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो हादसों का आंकड़ा रोकने में मुशिकल हो सकता है।