पति की दीर्घायु के लिए सुनी कथा– दोपहर के समय कई जगह सती की कथा हो रही थी। इस दौरान सुहागिनों ने कथा सुनी। अपने पति के लिए दुआ मांग पूजा-अर्चना की। रात को चांद का दीदार कर व्रत खोला। पतियों ने पत्नियों को उपहार भेंटकर प्रेम प्रदर्शित किया। व्रत खोलने के बाद महिलाओं ने बड़ों का आशीर्वाद लिया।
करवा चौथ के दिन महिलाओं ने की सोलह श्रृंगार
करवा चौथ के दिन महिलाओं ने की सोलह श्रृंगार
करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार की। जिसमें सिदूर, बिदी, मंगल सूत्र, मांग टीका, काजल, नथनी, कर्णफूल, मेंहदी, चूड़ी, लाल रंग के वस्त्र, बिछिया, पायल, कमरबंद, अंगूठी, बाजूबंद, गजरा, काल की बाली व झुमका पहनकर तैयार की।
करवा चौथ में सजाया थाली–
करवा चौथ में सजाया थाली–
दोपहर के वक्त करवा मां की पूजा-अर्चना की। थाली में कुमकुम, हल्दी, सींक, सुहाग की सामान, करवा माता की फोटो और उनकी कथा की पुस्तक शामिल थी। विधिपूर्वक माता की पूजा हुई। इसके बाद अपने से बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया।