इन शुभ कार्यों पर लगा ब्रेक
ज्योतिष दिनेश दास के मुताबिक शुक्र ग्रह अस्त होने पर विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, नये व्यापार व्यवसाय प्रारंभ आदि कार्य करने की पूर्ण मनाही रहती है। शुक्र ग्रह को सुख समृद्धि का कारक ग्रह माना गया है। इसे संसारिक सुख और विलासिता पूर्ण जीवन का आधार भी कहा गया है ऐसे में शुक्र के अस्त होने पर कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। शुक्र वर्ष में विशेष अवधि में अस्त और उदय होता है। 10 मई को अबूझ मुहूर्त में सैकड़ों शादियां
पंडित दिनेश दास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में गुरु शुक्र के अस्त होने पर विवाह आदि मांगलिक कार्य वर्जित माना गया हैं। जिसके वजह से मई -जून में कोई विवाह मुहूर्त नहीं हैं। 10 मई को अक्षय तृतीया है धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है जिसे विवाह के लिए सबसे अच्छा माना गया है। अबूझ मुहूर्त के चलते इस दिन सैंकड़ों की संख्या में विवाह कार्यक्रम सम्पन्न होंगे।
16 जुलाई से चातुर्मास शुरू हो जायेगा
28 मई से शुक्र ग्रह के अस्त होते ही लगभग सवा दो महीने तक सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया है। अब विवाह और अन्य मांगलिक कार्य आने वाले 2 जुलाई को शुक्र ग्रह के उदय होने पर शुरू होगी। इसके बाद 16 जुलाई से चातुर्मास शुरू हो जायेगा जो 12 नवंबर तक रहेगी। ऐसे में जुलाई में ही 14 दिन बाद फिर शुभ कार्य पर ब्रेक लग जायेंगे।