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लोकसभा के प्रथम चरण के चुनाव में छत्तीसगढ़ में भारत का सबसे संवेदनशील सीट बस्तर भी है जहां चुनाव आयोग और सुरक्षा बलों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है नक्सल आतंक के साए में शांतिपूर्ण मतदान कराना। आगामी 19 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। मतदान से पहले ही मतदान दलों को सुरक्षित मतदान केंद्रों तक पहुंचाया जा रहा है। वहीं सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस और सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है। मतदान केंद्रों के आसपास पहले से सर्चिंग चल रही है। सुकमा जिले के 42 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जो पहुंचविहीन है और यहां वायु सेना के MI-17 हेलीकॉप्टर की मदद से मतदान दलों को भेजा जा रहा। 300 से ज्यादा मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील नक्सल क्षेत्र में चुनाव को शांतिपूर्वक और निष्पक्ष ढ़ंग से संपन्न कराने के लिए सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, जिले में मतदान का समय सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक रखा गया है। साथ ही चुनाव आयोग की तरफ से मिली अतिरिक्त फोर्स को तैनात किया गया है। बस्तर लोकसभा क्षेत्र में कुल 1957 मतदान केंद्र है, जिनमे 300 के करीब मतदान केंद्र अति संवेदनशील क्षेत्र में मौजूद हैं, जहां पर चुनाव संपन्न कराना प्रशासन के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है। बुधवार को बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के मतदान केंद्रों के लिए मतदान दलों को हेलीकॉप्टर से रवाना किया जा रहा है।