पानी से होने लगा एलर्जी
गंगामुंडा तालाब में नियमित साफ सफाई का आभाव और पूजा होने के बाद विसर्जन करने वाले फल-फूल,चुनरी आदि के सड़न से तालाब का पानी लगातार खराब होते जा रहा है। इस तालाब में जलकुंभी और कई जंगली पौधों से कीड़े और अन्य विषैले जी जंतुओ का खतरा बढ़ गया है। इस तालाब में कई बार बच्चों व अन्य लोगों द्वारा स्नान किये जाने से शरीर में एलर्जी की शिकायत मिल रही है।
तालाब में क्रियाकर्म करना मजबूरी
गंगामुंडा तालाब में मृत्यु के बाद किये जाने वाला क्रियाक्रम अब मजबूरी हो गया है। इस दौरान तालाब में शुद्ध होकर निकलने की जगह इनफेक्शन की डर से अब लोगों को पानी अपने शरीर में गंगा जल कि तरह छिड़कना पड़ता है । हालत यह है कि अब यह तालाब जानवरों के डूबने के लायक भी नहीं रह गया है।
सौदर्यीकरण कार्य का पता नहीं
तालाब को सरोवर घरोहर योजना के तहत करोड़ो रूपये खर्च कर सौंदर्यीकरण का कार्य किया गया था। इसके तहत तालाब के चारों ओर स्ट्रीट लाइट व घाटों का मरम्मत कर को टाइल्स लगाया गया था, लेकिन अब इस तालाब की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति के लिये इस तालाब में करोड़ो फूंक दिये और सरकारी पैसा का दूरूपयोग किया।