जगदलपुर

शीतला माता की पूजा अर्चना कर शुरू हुई रेल के लिए पदयात्रा

200 से अधिक समाज प्रमुखों ने दर्ज कराई उपस्थिति,1 हजार से अधिक लोग सभा में हुए शामिल,20 किमी की पैदल यात्रा के बाद ताडोकी में होगा विश्राम

जगदलपुरApr 04, 2022 / 12:32 am

Kunj Bihari

200 से अधिक समाज प्रमुखों ने दर्ज कराई उपस्थिति,1 हजार से अधिक लोग सभा में हुए शामिल,20 किमी की पैदल यात्रा के बाद ताडोकी में होगा विश्राम

नारायणपुर। बस्तर रेल आंदोलन गठित कमेटी के बैनर तले रावघाट से जगदलपुर तक लंबित रेल लाइन की मांग को लेकर पदयात्रा का आगाज अंतागढ से हो गया है। इसमें बस्तर रेल आंदोलन कमेटी के पदाधिकारी सहित सदस्यों की उपस्थिति में रविवार से अंतागढ में शीतला माता मंदिर में पूजा अर्चना कर इस पद यात्रा का शुभारंभ किया गया। इस पदयात्रा के शुभारंभ के अवसर पर अंतागढ, नारायणपुर, कोंडागांव, भानपुरी, जगदलपुर के 200 से अधिक समाज प्रमुखों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इससे शीतला माता मंदिर पूजा-अर्चना कर निकली पदयात्रा की अंतागढ गोल्डन चौक में सभा आयोजित की गई। इस सभा मे करीब 1 हजार से अधिक लोगो ने उपस्थित होकर वक्ताओं संबोधन सुना। इसमें वक्ताओं ने बस्तर में लंबे अरसे लाबिंत रावघाट- जगदलपुर रेल लाइन को लेकर विस्तार से अपनी बात रखकर प्रत्येक मुद्दों पर प्रकाश डाला। इस सभा के बाद पद यात्रियों के लिए अंतागढ मद्रासी पारा में भोजन की व्यवस्था की गई थी। जहाँ भोजन ग्रहण करने के बाद 200 से अधिक पदयात्रियों का काफिला नारायणपुर के लिए रवाना हुआ। इसमें पद यात्रियों ने प्रथम दिन करीब 20 किमी का सफर तय कर ताडोकी पहुचे। जहाँ पर पदयात्रियों का दल रात का भोजन कर विश्राम करेगा। इसके बाद सोमवार की सुबह फिर पदयात्रा दल नारायणपुर की ओर निकलेंगा।
जानकारी के अनुसार करीब 56 सालों से जगदलपुर और दल्ली राजहरा के बीच रेल सेवा प्रारंभ करने की मांग लगातार पूरे बस्तर सम्भाग से की जाती रही है। लेकिन सरकार चाहे किसी भी राजीतिक पार्टी की बनी हो छतीसगढ़ के बस्तर संभाग को हमेशा उपेक्षित नज़रों से देखा गया है। खनिज संसाधनों से परिपूर्ण बस्तर का सिर्फ दोहन किया जा रहा है, जबकि सुविधाओं के नाम पर सिर्फ क्षेत्र के लोगों को झुनझुना पकड़ाया जा रहा है। किन्तु अब सरकार को जगाने अन्तागढ़ से जगदलपुर तक के लोग रेल के मुद्दे को लेकर लामबंद हो चुके है और रेलवे एवं बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ आरपार की लड़ाई का मन बना चुके हैं, जिसकी शुरवात अन्तागढ़ के शीतला मंदिर से हो चुकी हैं। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर की लाइफ लाइन मानी जा रही दल्लीराजहरा-जगदलपुर रेल लाइन का निर्माण जल्द शुरू कराने आंदोलन की शुरुवात अन्तागढ़ से जगदलपुर तक पैदल मार्च कर के की गई, अन्तागढ़ के गोल्डन चौक में बड़ी सभा का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में नागरिक उपस्थित थे ।

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