Dhan Kharidi: दिए गए इलेक्ट्रानिक मशीन
शहर के से लगे पल्ली धान खरीदी केन्द्र में दो इलेक्ट्रानिक मशीन दिए गए हैं, कर्मचारियों के द्वारा इलेक्ट्रानिक मशीन को फिट किया जा रहा था। पहले की मशीन पुरानी हो चुकी थी, जिसे बार-बार गड़बड़ी आती थी, इसके चलते विगत वर्ष यहां किलोवाट तराजू से धान खरीदा गया था। पर अब यहां प्रदाय की गई नई दो मशीन होने से धान तौलने में आसानी होगी और किसानों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। गौरतलब है कि किलोवाट तराजू में धान खरीदी के दौरान सुखती के नाम पर किसानों के आंखों में धूल जाता है। किसानों के द्वारा इसकी शिकायत की जाती है, इन सभी शिकायतों के मद्देनजर शासन और प्रशासन के द्वारा इलेकट्रानिक मशीन की अनिवार्यता तय कर दी गई है। जिससे की धान खरीदी के दौरान किसी भी तरह की धांधली पर अंकुश लगाया जा सके। हालांकि केन्द्र प्रभारी आज भी इलेक्ट्रानिक मशीन की तुलना में तौल करने में किलोवाट वजन तराजू को ही ज्यादा सुविधाजनक मानते हैं।
अब तक 1768 किसानों ने बेचा धान
बस्तर संभाग में अब कुल 1768 किसानों से 82230 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी हैं। बिस्तर जिले में कुल 382 केन्द्रों में धान खरीदी होनी है, जिसमें से तीसरे दिन 214 केन्द्रों में ही खरीदी आरंभ हुई है। वहीं 168 केन्द्रों में अब तक बोहनी करने किसान धान लेकर नहीं पहुंचे।
18 करोड 91 लाख का भुगतान
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मर्यादित जगदलपुर से मिली जानकारी के अनुसार किसानों को समर्थन मूल्य की राशि 18 करोड 91 लाख रुपए का भुगतान और 4 करोड़ 87 लाख रुपए की कर्ज वसूली की गई है। दिन बीतने के साथ धान खरीदी में रफ्तार बढ़ रही है।
इलेक्ट्रानिक तौल मशीन के जरिए ही खरीदा जाना है
जिला सहकारी बैंक नोडल अधिकारी, एस. रजा, ने बताया कि कलेक्टर हरीश एस के आदेशानुसार धान खरीदी इलेक्ट्रानिक तौल मशीन के जरिए ही खरीदा जाना है। जिन केन्द्रों में मशीन खराब हो चुकी थी, वहां पर नई मशीन इलेक्ट्रानिक तौल मशीन उपलब्ध कराई गई हैं।