गौरतलब है कि विगत वर्ष धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए था। वहीं इस चुनावी साल में कांग्रस ने चुनावी घोषणा में किसानों को 3200 रुपए समर्थन मूल्य देने और भाजपा ने 3100 रुपए समर्थन मूल्य देने की बात कही है। बहरहाल पार्टी कोई भी जीते, यह तो तय है कि किसानों को समर्थन मूल्य की राशि तो बढक़र ही मिलेगी। कांग्रेस पार्टी के द्वारा कर्ज माफी की भी घोषणा की गई है, यदि कांग्रेस को जीत हासिल होता है, तो किसानों का पुराना कर्ज फिर माफ हो सकता है। इसी उम्मीद में किसान धान बेचने के लिए चुनाव परिणाम पर टकटकी लगाएं हैं। वहीं जिन किसानों ने अब तक धान बेचा है और लोन उनका है, तो बैंक लिंकिंग के माध्यम से लोन की राशि काटकर शेष राशि दे रही है। ऐसे में किसान असमंजस की स्थिति में हैं और धान बेचने के लिए कम संख्या में ही पहुंच रहे हैं।
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बैंक ने 21 करोड़ का लोन वसूला संभाग भर के किसानों ने अब तक 15 हजार किसानों ने धान बेचा है, जिसमें बैंक ने लिंकिग के माध्यम से 21 करोड़ रुपए लोन की राशि वसूल किया है। वहीं अब भी संभाग भर में दो लाख से अधिक किसान हैं, जिन्होंने अब तक धान नहीं बेचा है। जिन्हें चुनावी नतीजे और घोषणाओं के अमल होने का इंतजार हैं। अभी 2108 रुपए में खरीदा जा रहा है धान केन्द्र सरकार के द्वारा लागू एमएसपी के तहत वर्तमान समय में केन्द्रों के द्वारा किसानों ने मोटा धान 2183 रुपए और पतला धान 2203 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जा रहा है। किसानों का इस मूल्य पर धान की राशि का भुगतान हो रहा है।