1 लाख रुपए नहीं लौटा पाया तो कर लिया कारोबारी का अपहरण, जमकर पीटा, फिर किया ये काम
बस्तर एसपी दीपक झा के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से इस इलाके में लगातार माओवादियों (Maoists Moments in chhattisgarh) के मूवमेंट की जानकारी मिल रही थी।आज इस मामले में ओडिशा के कुछ बड़े माओवादी लीडरों (Naxal leader) के आने की सूचना भी थी। इसके बाद अनुमान लगाया गया कि वे यहां किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। इसे देखते हुए बिना देर किए ऑपरेशन लॉन्च किया गया, जिसमें डिस्ट्रिक्ट रिजर्व बल (डीआरजी) की तीन कंपनियां शामिल थीं। बी.आर. मंडावी की अगुआई में टीम ने शनिवार की दोपहर माओवादियों की पक्की निशानदेही पर कार्य करते हुए मौके पर पहुंची और उन्हें चारों तरफ से घेर लिया। इसी बीच माओवादियों ने जवानों को देखकर उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग (Naxal attack) शुरू कर दी। जवानों ने भी मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। करीब डेढ़ घंटे तक दोनों ओर से फायरिंग जारी रही। इसके बाद माओवादी (Maoists) अपनी कमजोर स्थिति को देखते हुए जंगल का सहारा लेकर भाग निकले। मुठभेड़ थमने के बाद जब जवानों ने घटनास्थल की जांच की तो वहां से सात माओवादियों के शव बरामद किए गए।
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