Nagarnar Steel Plant: श्रमिक यूनियनों ने की नारेबाजी
श्रमिक यूनियनों को इस दौरे की जानकारी मिलती इससे पहले कंपनियों के अफसर प्लांट के कान्फ्रेंस हॉल में दाखिल हो चुके थे। सुबह 8 बजे से 9 बजे तक कंपनी के अफसरों और प्लांट प्रबंधन के बीच एक बैठक भी हुई। इसी बीच संयुक्त इस्पात मजदूर संगठन और स्टील श्रमिक यूनियन के सैकड़ों श्रमिक कान्फ्रेंस हॉल के सामने इकट्ठा हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। दौरे पर पहुंची टीम इस दौरान कान्फ्रेंस हॉल में कैद होकर रह गई। कोई बाहर नहीं निकल पा रहा है। इसके बाद प्लांट प्रबंधन के कुछ अफसर श्रमिक यूनियन के पदाधिकारियों के बीच पहुंचे और कहा कि यह दौरा एचआर क्वाइल के लिए है। विनिवेशीकरण जैसी कोई बात नहीं चल रही है।
गेट के सामने जय झाड़ेश्वर ने भी पुरजोर विरोध किया
प्लांट में परिवहन का काम कर रही जय झाड़ेश्वर समिति ने भी कंपनियों के दौरे का पुरजोर विरोध किया। दो दिन पहले भी समिति ने दौरे का यह कहते हुए विरोध किया था प्लांट का विनिवेशीकरण कभी बस्तर के हित में नहीं हो सकता। यह प्लांट के श्रमिकों और भू प्रभावितों के लिए भी उचित नहीं होगा। समिति का कहना है कि उनका विरोध आगे भी इसी तरह से जारी रहेगा।बड़ा सवाल- एचआर क्वाइल के लिए आए तो एसबीआई को क्यों लाए?
अचानक दाखिल हुए
जिस तरह से कंपनियों को प्लांट के भीतर दाखिल किया गया उस पर भी सवाल उठ रहे हैं। प्लांट के श्रमिकों के बीच यह चर्चा पहले से चल रही थी कि कुछ कंपनियां तीन दिनों के लिए प्लांट देखने आ रही हैं, लेकिन प्लांट प्रबंधन ने शुक्रवार सुबह अचानक अंधेरे में कंपनियों को प्लांट के भीतर दाखिल होने की व्यवस्था की। यह भी पढ़ें
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प्रबंधन को पता था अगर सुबह 9 बजे के बाद कंपनियां अंदर आएंगी तो विरोध होगा यही कारण रहा कि कंपनियों को सुबह-सुबह प्लांट में दाखिल करवाया गया। प्लांट प्रबंधन ने श्रमिक यूनियनों से कहा कि कंपनियों का दौरा एचआर क्वाइल के लिए है लेकिन यहां सवाल खड़ा होता है कि कपंनियां अगर एचआर क्वाइल के लिए आई थीं तो वे अपने साथ स्टेट बैंक के अफसरों को क्यों लेकर आई। एचआर क्वाइल का सौदा करने के लिए तो कंपनियां खुद सक्षम हैं। उन्हें एसबीआई की जरूरत नहीं है। यहां यह स्पष्ट हो गया कि कंपनियां एसबीआई को इसलिए साथ लाईं थी ताकि विनिवेशीकरण में एसबीआई फाइनेंस पक्ष देख सके।
प्रबंधन सच नहीं बोल रहा
संयुक्त इस्पात मजदूर संगठन, अध्यक्ष संतराम सेठिया ने जानकारी दी कि प्लांट के विनिवेशीकरण की तैयारी हो चुकी है। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे बस्तर का प्लांट किसी बाहरी को लेने नहीं देंगे। प्लांट प्रबंधन को सब कुछ पता है लेकिन वे सच नहीं बोल रहा। प्रबंधन के ही सूत्र इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कंपनियों का दौरा विनिवेशीकरण के लिए ही था। अब बस्तर के लोगों को एकजुट होना होगा तभी हम विनिवेशीकरण रोक पाएंगे।आगे ऐसा हुआ तो प्रबंधन जिम्मेदार
Nagarnar Steel Plant: संयुक्त इस्पात मजदूर संगठन और स्टील श्रमिक यूनियन ने प्लांट के उप महाप्रबंधन कार्मिक को शुक्रवार को एक ज्ञापन सौंपा और कहा कि आज जिस तरह से यूनियनों के जानकारी के बगैर कंपनियों ने दौरा किया ऐसा आगे नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर कंपनियों का पुरजोर विरोध होगा और इसके लिए प्लांट प्रबंधन जिम्मेदार होगा। यूनियनों का कहना था कि केंद्र सरकार ने प्लांट के विनिवेशीकरण की तैयारी कर ली है और इसका पुरजोर विरोध यूनियन और भू प्रभावित करेंगे।