बस्तर के लोगों ने भी 7 प्रमुख लंबित मांगों को पत्रिका के माध्यम से पीएम तक पहुंचाने की कोशिश की है। पत्रिका लंबित मांगों को लेकर बस्तर के लोगों की आवाज बना है। आज हम इस रिपोर्ट के माध्यम से बस्तर की सात प्रमुख मांगों पीएम मोदी और जिम्मेदारों तक पहुंचाने जा रहे हैं। बस्तर के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पत्र भी लिखा है , जो इस रिपोर्ट का हिस्सा है।
यह भी पढ़ें : Fraud : फूफा की आवाज निकाल सीएमओ से कहा- बुआ घायल,फिर ऐसे लगाया हजारों रुपए का चूना बस्तर से इस वक्त एकमात्र फ्लाइट का संचालन हो रहा है, जो बस्तर के लोगों को हैदराबाद और रायपुर तक लेकर जा रही है। यहां से दिल्ली समेत अन्य प्रमुख शहरों तक की कनेक्टिविटी की मांग की जा रही है। एयर कनेक्टिविटी की मांग को पूरा किया जाना जरूरी है।
पासपोर्ट बनवाने के लिए आज भी बस्तर के लोग रायपुर की दौड़ लगा रहे हैं। कोंटा और भोपालपट्टनम के लोग इसके लिए 500 किमी तक का सफर कर रहे हैं। बस्तर में पासपोर्ट सेवा केंद्र की स्थापना की मांग सालों से की जा रही है। पूर्व में इसे लेकर सुगबुगाहट भी हुई पर अब मामला ठंडे बस्ते में है।
यह भी पढ़ें : शादी का झांसा देकर नाबालिग को भगा ले गया, फिर किया ये काम, आंध्रप्रदेश में इस हाल में मिली बालिका जगदलपुर से रावघाट तक रेल लाइन के विस्तार काम अटका हुआ है। इसे लेकर बस्तर के लोग लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनी नहीं जा रही है। बस्तर के लोग आज भी रेल लाइन के जरिए राजधानी रायपुर से कनेक्ट नहीं हो पाए हैं। बस्तर के लौह अयस्क की ढुलाई के लिए सालों पहले रेल लाइन डाल दी गई।
बस्तर के आदिवासी की राजधानी तक पहुंच बने इसके लिए अब तक रेल लाइन का काम शुरू नहीं हो पाया है। रायपुर तक के लिए सीधी रेल लाइन की मांग अब तक अधूरी है। बस्तर को अगर बेहतर रेल कनेक्टिविटि मिल जाती है तो यहां के लोगों का हर तरह से विकास होगा।
बस्तर को हाई कोर्ट खंडपीठ मिले हाई कोर्ट की एक खंडपीठ की स्थापना बस्तर में हो, यह मांग सालों से की जा रही है। हाई कोर्ट से जुड़े मामलों के लिए बस्तर के लोग 600 किमी दूर बिलासपुर जाने को मजबूर हैं। न्याय पाने के लिए बस्तर के लोगों का संघर्ष कम करने के लिए खंडपीठ का बस्तर में बैठना जरूरी है।
केंद्रीय आवासीय ट्राइबल विवि जरूरी बस्तर आदिवासी बहुल क्षेत्र है पर यहां के आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए जैसी सुविधा मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है। बस्तर में केंद्रीय ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना की मांग सालों से की जा रही है। बस्तर के यु़वाओं का भविष्य संवारने के लिए विवि की स्थापना जरूरी है।
बस्तर से इस वक्त एकमात्र फ्लाइट का संचालन हो रहा है, जो बस्तर के लोगों को हैदराबाद और रायपुर तक लेकर जा रही है। यहां से दिल्ली समेत अन्य प्रमुख शहरों तक की कनेक्टिविटी की मांग की जा रही है। एयर कनेक्टिविटी की मांग को पूरा किया जाना जरूरी है।
पासपोर्ट बनवाने के लिए आज भी बस्तर के लोग रायपुर की दौड़ लगा रहे हैं। कोंटा और भोपालपट्टनम के लोग इसके लिए 500 किमी तक का सफर कर रहे हैं। बस्तर में पासपोर्ट सेवा केंद्र की स्थापना की मांग सालों से की जा रही है। पूर्व में इसे लेकर सुगबुगाहट भी हुई पर अब मामला ठंडे बस्ते में है।
यह भी पढ़ें : Weather Update : मानसून की विदाई में दिखेगा द्रोणिका का असर, 24 घंटे के अंदर जमकर बरसेंगे बादल, ऑरेंज अलर्ट जारी जगदलपुर से रावघाट तक रेल लाइन के विस्तार काम अटका हुआ है। इसे लेकर बस्तर के लोग लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनी नहीं जा रही है। बस्तर के लोग आज भी रेल लाइन के जरिए राजधानी रायपुर से कनेक्ट नहीं हो पाए हैं। बस्तर के लौह अयस्क की ढुलाई के लिए सालों पहले रेल लाइन डाल दी गई। बस्तर के आदिवासी की राजधानी तक पहुंच बने इसके लिए अब तक रेल लाइन का काम शुरू नहीं हो पाया है। रायपुर तक के लिए सीधी रेल लाइन की मांग अब तक अधूरी है। बस्तर को अगर बेहतर रेल कनेक्टिविटि मिल जाती है तो यहां के लोगों का हर तरह से विकास होगा।
ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना हो
बस्तर में ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना को लेकर पहल होती रही है, लेकिन इस पर अब तक कुछ ठोस नहीं हो पाया है। प्रधानमंत्री जी बस्तर आ रहे हैं तो हम उम्मीद करते हैं कि उन तक यह मांग पहुंचे और वे आदिवासी छात्रों के हित में घोषणा करें।
बस्तर में ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना को लेकर पहल होती रही है, लेकिन इस पर अब तक कुछ ठोस नहीं हो पाया है। प्रधानमंत्री जी बस्तर आ रहे हैं तो हम उम्मीद करते हैं कि उन तक यह मांग पहुंचे और वे आदिवासी छात्रों के हित में घोषणा करें।
उर्मिला आचार्य, शिक्षाविद बस्तर के हर वर्ग के लिए एम्स जरूरी बस्तर में एम्स की स्थापना होनी चाहिए। कई राज्यों में दो-दो एम्स है तो छत्तीसगढ़ में भी होना चाहिए। एम्स की स्थापना बस्तर के हर वर्ग के लिए जरूरी है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव में बस्तर के लोग बेमौत मारे जा रहे हैं।
किशोर पारेख, पूर्व चेंबर अध्यक्ष रेल के लिए हमारा संघर्ष जारी है जगदलपुर-रावघाट रेल लाइन के लिए हम सालों से संघर्ष कर रहे हैं। आज भी सत्याग्रह करेंगे। हम प्रधानमंत्री के आगमन पर उम्मीद करते हैं कि वे इस पर जरूर कोई ठोस घोषणा करके जाएंगे। अब वक्त आ गया है कि बस्तर के संघर्ष का सम्मान हो।
संपत झा, सदस्य, बस्तर रेल आंदोलन बस्तर के लिए सातों मांगें अहम बस्तर के विकास के लिए यहां पर सबसे पहले रेल, एयर कनेक्टिविटी के साथ ही फोरलेन पर काम होना जरूरी है। एम्स की स्थापना भी जरूरी है। हाई कोर्ट की खंडपीठ की मांग भी हम सालों से कर रहे हैं। पासपोर्ट कार्यालय भी खुलना जरूरी है।
मनीष शर्मा, अध्यक्ष बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स