राशि का इंतजार लंबे अर्सें करते हुए सप्लायरों का भी सब्र अब टूटने लगा है। राशि का पता लगाने पंचायत से लेकर जनपद तक दौड़ लगा रहे हैं, वहीं अधिकारी रुपए का आबंटन प्राप्त नहीं होने की दुहाई दे रहे हैं। बस्तर जिले के तहित मनरेगा के तहत ब्लाकवार यदि बात की जाए तो बकावंड ब्लाक में 1 करोड़ लाख 4 लाख रुपए, बास्तानार ब्लाक में 11 करोड़ 4 लाख रुपए, बस्तर ब्लाक में 85 लाख रुपए, दरभा में 92 लाख रुपए, जगदलपुर में 94 लाख रुपए, लोहण्डीगुड़ा में 42 और तोकापाल ब्लाक में 53 लाख रुपए का भुगतान लंबित हैं। इस तरह जुलाई माह से कुल 5 करोड़ 88 लाख रुपए अप्राप्त है।
गौरतलब है कि विगत वर्ष मनरेगा में रोजगार सहायकों के कार्यों की बदौलत छत्तीसगढ़ राज्य को देश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। रोजगार सहायकों के कांधों में ग्रामीणों की मांग अनुरुप कार्य पूर्ण करवाने का जिम्मेदारी होती है। पर मनरेगा में हमेशा से राशि के आबंटन में लेटलतीफी के चलते निर्माण कार्य प्रभावित होते हैं। बावजूद जिला व जनपद पंचायत के अधिकारियों के दबाव में रोजगार सहायकों को समयसीमा पर काम पूर्ण करवाना होता है, ऐसे में सप्लायरों से मटेरियल सामग्री उधार में लेकर उक्त निर्माण कार्य पूर्ण करवाए जाते हैं। जिले के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा के तहत सैकड़ों कार्यों में 5 करोड़ 88 लाख रुपए का भुगतान नहीं होने से सप्लायर भी रोजगार सहायकों से पैसे की मांग करने लगे हैं। जिससे रोजगार सहायक भी परेशान हैं।