जगदलपुर

रियासत काल से चली आ रही परंपरा, 9 दिनों तक एक गड्ढे में बैठ युवक बिना कुछ खाए करता है साधना, फिर…

Bastar Dussehra 2019- बड़े आमाबाल के रघुनाथ बने जोगी, सिरहासार भवन में 6 बाई 3 के गड्ढे में 9 दिनों तक बैठकर जोगी करेगा तपस्या

जगदलपुरSep 30, 2019 / 01:23 pm

Badal Dewangan

रियासत काल से चली आ रही परंपरा, 9 दिनों तक एक गड्ढे में बैठ युवक बिना कुछ खाए करता है साधना, फिर…

Bastar Dussehra 2019 जगदलपुर. बस्तर दशहरा पर्व में हर साल की तरह रविवार को सिरहासार भवन में जोगी बिठाई पूजा विधान संपन्न हुआ। इस साल बड़े आमाबाल के 22 वर्षीय रघुनाथ पिता बजरंग नाग जोगी के रूप में नवरात्रि पर 9 दिनों तक योगासन की मुद्रा में बैठा रहेगा।

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9 दिनों बाद ही इस गड्ढे से बाहर निकलेंगे
रियासत काल से ही हल्बा जनजाति का जोगी इस परंपरा का निर्वहन करता आ रहा है। हर साल बाड़े आमाबाल के नाग परिवार के लोग ही जोगी बिठाई पूजा संपन्न करते हैं। सिरहासार भवन में रघुनाथ जोगी को जमीन पर 6 बाई 3 का गड्ढा खोदकर बिठाया गया है। अब जोगी रघुनाथ 9 दिनों बाद ही इस गड्ढे से बाहर निकलेंगे। गौरतलब है कि शनिवार को काछनगुड़ी में काछनदेवी अनुराधा ने दशहरा मनाने की अनुमति दे दी है। अनुमति के बाद अब आगे की रस्म पूरी की जा रही है।

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आज से रोजाना होगी रथ परिक्रमा
सोमवार से फूल रथ परिक्रमा विधान शुरू होगी। इसमें सिरहासार भवन से गोलबाजार, गुरुगोङ्क्षवद सिंह चौक होते हुए मां दंतेश्वरी मंदिर तक रथ खींचे जाएंगे। पांच दिनों तक इसी प्रकार रथ खींचा जाएगा। इसमें जगदलपुर ब्लॉक के करीब 36 गांव के लोगों रथ खींचने आते हैं। हर दिन 8 सौ से एक हजार ग्रामीण रथ खींचने पहुंचते है। इसके बाद 8 और 9 अक्टूबर को भीतर रैनी और बाहर रैनी पूजा विधान के बाद रथ परिक्रमा फिर से शुरू होगा। इस दौरान किलेपाल के माडिय़ा जाति के लोग रथ खींंचने पहुंचेंगे।

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