Japanese Fever: तीनों बच्चों की नहीं बच सकी जान
गौरतलब है कि
मेडिकल कॉलेज में सोमवार को तीन मासूम बच्चों की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। घटना की जानकारी लगने के बाद इस मामले में मेकाज प्रबंधन ने कहा कि इसके पीछे कोई लापरवाही नहीं बल्कि उनकी खराब स्थिति है। यह तीनों बच्चे वेंटिलेटर में थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
मेडिकल कॉलेज, सह प्रभारी अधीक्षक, डॉ. ध्रुव मेकाज में बेहद गंभीर स्थिति में इन तीनों बच्चों को लाया गया था। सभी को वेंटिलेटर सपोर्ट में रखा गया। इनकी जिंदगी बचाने का हर संभव प्रयास किया गया। लेकिन जान नहीं बच सकी। इनमें दो जेई तो एक निमोनिया से पीड़ित था।
प्रबंधन ने कहा तीनों की तबीयत बेहद खराब थी
इनकी तबीयत बेहद अधिक बिगड़ जाने के बाद इन्हें दंतेवाड़ा और बीजापुर के अस्पतालों से मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। यहां इन्हे अच्छा इलाज देने के लिए हर संभव प्रयास किया गया। वेंटिलेटर में भी बच्चों को रखकर इलाज किया जा रहा था लेकिन ज्यादा तबीयत खराब होने की वजह से इन्हें बचाया नहीं जा सका और उनकी मौत हो गई।
दो दंतेवाड़ा और एक बीजापुर का मामला
Japanese Fever: मेकाज प्रबंधन का कहना है कि तीन में 2 मासूम बच्चे
दंतेवाड़ा और एक बीजापुर का है। इनमें भी दो बच्चों को दो दिन पहले ही भर्ती किया गया था। इनकी बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सबसे पहले उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मेकाज प्रबंधन ने बताया कि इनमें से दो बच्चों को जापानी इंसेलाइटिस की शिकायत थी।