Jagdalpur: राष्ट्रपति के हाथों मिली डिग्री
दरअसल उन्होंने अपनी पीजी की पढ़ाई के दौरान आयुष विवि में टॉप किया था। जिसके लिए उन्हें गोल्ड मेडल और डिग्री राष्ट्रपति के हाथों मिली। मालूम हो कि वे अभी मेकाज में अपनी सेवा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि एमसीएच की परीक्षा में सर्वाधिक नंबर लाने पर रायपुर के आयुष यूनिवर्सिटी में तीसरे दीक्षांत समारोह में उन्हें राष्ट्रपति के हाथों समानित किया गया। इस मौके पर राज्यपाल के साथ ही प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी शामिल थे।
पवन रहे अव्वल
सुपर स्पेशियलिटी के लिए 2023 में न्यूरोसर्जरी के लिए परीक्षा आयोजित किया गया था, जिसमें काफी संख्या में इस परीक्षा में छात्र शामिल हुए थे। इसके परिणाम आने पर सुकमा निवासी डॉक्टर पवन बृज के सर्वाधिक नंबर आने पर 26 अक्टूबर को आयुष यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में स्व.जीडी हिशिकर मेमोरियल के तहत मेकाज के न्यूरोसर्जन डॉक्टर पवन ब्रिज को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के हाथों गोल्ड मैडल देकर समानित किया गया। यह भी पढ़ें
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डॉक्टर पवन बृज ने न्यूरोसर्जरी की पढ़ाई पूरी कर ली है। डॉक्टर ब्रिज ने बताया कि अपने पिता मनमोहन और मां का सपना पूरा करने इस के लिए मेडिकल फील्ड में अपनी दस्तक दी। पवन बृज का कहना है कि वे अपनी स्कूली शिक्षा सुकमा में ही ली।बड़े ऑफर को छोड़कर मेकाज में दे रही अपनी सेवाएं
मेडिकल की पढ़ाई के लिए पूरी सुविधा नहीं होने के कारण वे रायपुर मेडिकल कॉलेज से तैयारी की और अभी वर्तमान में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में न्यूरोसर्जन के पद पर पदस्थ है। बस्तर के लोगों को न्यूरोसर्जन के लिए बड़े शहरों में भटकना ना पड़े। इसलिए बड़े ऑफर को छोडक़र मेकाज में अपनी सेवा दे रहे है। साथ ही आने वाले दिनों में ग्रामीण क्षेत्र में ही अपनी सेवा देना चाहते हैं। Jagdalpur: बस्तर के इकलौते न्यूरोसर्जन हैं डॉ. पवन मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में सेवा दे रहे डॉक्टर पवन बृज बस्तर के इकलौते न्यूरोसर्जन हैं। मेकाज में कोई भी न्यूरोसर्जन आना नहीं चाह रहा था। ऐसे में डॉक्टर पवन बृज ने यहां जवाईनिग दी। 24 घंटे वे मरीजों की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। ओपीडी से कार्य खत्म होने के बाद भी अगर कोई मरीज आ जाता है तो उसे देखने के ऑन कॉल भी रहते है।