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महापौर जतीन जायसवाल ने अपने पांच साल के कार्यकाल में मानदेय के रूप में मिले 10 लाख रुपये एक अनाथ आश्रम के बच्चों और मूक बाधिर बच्चों को दिया है। शुक्रवार को निगम में हुए विशेष आयोजन में उन्होंने इसकी घोषणा की। इस दौरान नगर निगम अध्यक्ष, महापौर और एमआईसी के सदस्य भी मौजूद थे।
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महापौर ने कहा कि वह शुरू से अपने पूर्वज और परिवार के काम को देखते आ रहे हैं. उनका परिवार हमेशा से निर्धन परिवारों की सहायता करते आया है । उसे देखते हुए उन्होंने भी अपनी पूरी सैलरी गरीबों और जरुरतमंदों को देने का फैसला लिया है । महापौर ने कहा कि उनके इस फैसले पर उनके पूरे परिवार का उन्हें समर्थन और प्यार मिला है ।