Indravati Tiger Reserve: जिसके परिणाम आने शुरू हो गए हैं, यही वजह है कि इन दिनों इस रिजर्व क्षेत्र के मद्देड़ इलाके में सैंकड़ों की संख्या में गिद्धाें को देखा जा सकता है। वर्तमान में यहां पर 300 से अधिक गिद्धों को देखा जा सकता है जिनमें कई संकटग्रस्त प्रजाति के गिद्ध भी शामिल हैं।
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Indravati Tiger Reserve: तीन प्रजातियों के गिद्ध
केंद्रीय पर्यावरण व जलवायु मंत्रालय की ओर से चलाए जा रहे गिद्ध परियोजना के पूर्व इंद्रावती टाइगर रिजर्व में गिद्धों की संख्या नगण्य थी। यहां सबसे ज्यादा यूरेशियन ग्रिम्फान की संख्या देखने को मिलते थे। इसके अलावा विलुप्त प्रजाति के गिद्धों व्हाइट रम्पड वल्चर व इंडियन वल्चर की संख्या भी कहीं कहीं दिखाई देती थी। पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण गिद्धों के संरक्षण और संवर्धन के लिए किए गए प्रयासों से इनकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है।मद्देड़ की पहाडि़यों में कुनबा बढ़ाने की परििस्थतियां
इन्द्रावती टाइगर रिजर्व (Indravati Tiger Reserve) के मद्दड़ इलाके में स्तिथ सकल नारायणी की पहाडि़यों में इन दिनों बहुतायत में गिद्धों की टोली देखा जा सकता है। इस इलाके को गिद्धों के रहवास और अनुकूल परििस्थतियों के चलते सबसे सुरक्षित और संरक्षित इलाके की श्रेणी में रखा गया है। यहां की पहाडि़यों की चट्टानों में घोंसलेनुमा स्थान में गिद्ध अंडे देते हैं और यही स्थान को अपनी कुनबा बढ़ाने में सबसे सुरक्षित रहवास की तरह उपयोग कर रहे हैं।तीन गिद्ध रेस्टोरेंट संचालित
में गिद्धों की संरक्षण व संवर्धन के लिए गिद्ध परियोजना चलाई जा रही है। इस परियोजना के तहत गिद्धों को सहज आहार उपलब्ध कराने के लिए गिद्ध रेस्टोरेंट संचालित किए जा रहे हैं। वर्तमान में मद्देड़ के पर्वतीय इलाकों में तीन गिद्ध रेस्टोरेंट संचालित हैं जिनमें विभाग और आसपास के ग्रामीणों द्वारा गिद्धों के लिए भोजन के लिए मृत जानवरों, मवेशियों और अन्य भोज्य सामग्री उपलब्ध कराए जा रहे हैं।फैक्ट फाइल
गिद्धों की संख्या वर्ष 2021 में 55 2022 में 150 2023 में 240 वर्तमान में 300 से अधिकभारत में गिद्धों की स्थिति…
चार दशक पूर्व भारत में 5 करोड़ की आबादी वाले गिद्धों की संख्या में 98 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। गिद्धों की लगातार संरक्षण और संवर्धन के उपाय के चलते इनकी संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। भारतीय वन्य जीव अनुसंधान की रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में भारत में गिद्धों की आबादी लगभग 50 हजार ही रह गई हैं। जिनमें गिद्धों की सबसे कम संख्या दक्षिण भारत के राज्यों केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में है।अन्य राज्यों में गिद्धों की िस्थति पर नजर
मध्यप्रदेश 1800 गुजरात 1300 राजस्थान 1200 उत्तरप्रदेश 1000 दक्षिण के तीन बड़े राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में मात्र 326 ही बचे हैं बस्तर रेंज सीसीएफ आरसी दुग्गा पर्यावरण के लिहाज से प्रकृति में संतुलन के उद्देश्य से गिद्ध महत्वपूर्ण जीव है। विभाग द्वारा इंद्रावती टाइगर रिजर्व में गिद्धों के वृद्धि और संरक्षण के लिए उपाय के तहत वर्ष 2021 से गिद्ध परियोजना चला रही है। इस परियोजना में गिद्धों के लिए ग्रामीणों में जागरूकता और विभागीय कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा गिद्ध मित्र बनाकर इसके संवर्धन के प्रयास तेज किए गए। यही वजह है कि वर्तमान में यहां पर गिद्धों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है ।