लू लगने के कारण व्यक्ति बीमार हो जाता है। यदि समय पर उसे इलाज नहीं मिले तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है, इसलिए लोग लापरवाही न बरतें और ऐसी शिकायत होने पर तुरंत इलाज लें। जब रोगी के शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती है तब लू लगती है। प्रचंड गर्मी में पसीने के साथ में शरीर में संचित नमक और पानी बाहर निकलता है जिसके कारण रक्त और नाड़ी की गति तेज हो जाती है।
सांस लेने की दर भी ठीक नहीं रहती है और शरीर में धीरे धीरे ऐंठन शुरू हो जाती है। लू लगने के कारण बुखार काफी तेज हो जाता है, आंखें व हाथ-पैरों के तलवों में जलन होती है। इससे आदमी बेहोश हो सकता है, बहुत अधिक गर्मी और जलन होने से रोगी के शरीर में बेचैनी हो जाती है, मुंह सूखना, गला सूखना, बार-बार प्यास लगना जैसे लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं।
यह भी पढ़ें