इसके अलावा जंगलों में इंसानी लापरवाही से लगने वाली आग से बचाने आम जनता को जागरूक किया जा रहा है। वन अधिकारी, कर्मचारी और वन सुरक्षा समितियां, अग्नि प्रहरी वनों की आग से सुरक्षा के लिए सक्रिय रहेंगे। सुरक्षा में लगे अग्नि प्रहरियों और सुरक्षा श्रमिकों को वनक्षेत्रों में जहां कहीं भी आग या धुंआं दिखायी दे वहां तत्काल पहुंचकर आग को बुझाने की जवाबदारी दी जा रही है।
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रायपुर से जुड़ा कंट्रोल रूमसरकार के निर्देश पर जिला मुख्यालय के डिविजन कार्यालय में फायर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। यह कंट्रोल रूम रायपुर के सेटेलाइट कार्यालय से जुडा हुआ है। इसके माध्यम से बस्तर के जंगलों में आग लगने की घटनाओं की जानकारी मिलने पर संबंधित इलाके में पहुंचकर आग की घटनाओं को नियंत्रित किया जा सकता है इसके अलावा कंट्रोल रूम के दिये गये नंबर पर भी आग की सूचना दिया जा सकता है। यह कंट्रोल रूम 15 फरवरी से 15 जून तक चलेंगे।
कांगेर घाटी में ईको विकास समिति सक्रियकांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में जंगल को आग से बचाने वहां की लगभग 25 ईको विकास समिति सक्रिय है। इसके अलावा आसपास के 45 गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। यही वजह है कि पिछले वर्ष की तुलना में अब तक कहीं भी आगजनी की घटना की सूचना नहीं है।
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पार्क प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक जागरूकता अभियान के चलते यहां आगजनी की घटनाओं में कमी आयी है। वर्ष 2023 में यहां मात्र 25 स्थान पर आगजनी रिकार्ड की गई थी जबकि इसके पूर्व यह घटनाएं सैंकड़ों में होती थी।
पिछले वर्ष की तुलना में फरवरी महीने में आगजनी की घटनाओं पर नजरक्र डिवीजन फरवरी फरवरी 2023 2024
1 बीजापुर 182 25 2 सुकमा 29 18 3 दंतेवाड़ा 00 01 4 बस्तर 40 28
हर वर्ष गर्मी के सीजन में जंगल में आग लगने की घटनाएं होती है। यह घटना कई बार मानव निर्मित भी होती है तो कई बार अन्य कारण भी होते हैं। इससे वन संपदा को नुकसान होता है और पर्यावरण की क्षति भी होती है। साथ ही बड़ी संख्या में वन्य जीव जंतु भी प्राण गवां देते हैं। इसे रोकने के लिए वन विभाग व्यापक कार्यक्रम चला रही है, वनों को आग से बचाना सभी वर्गों का दायित्व भी है।
हर वर्ष गर्मी के सीजन में जंगल में आग लगने की घटनाएं होती है। यह घटना कई बार मानव निर्मित भी होती है तो कई बार अन्य कारण भी होते हैं। इससे वन संपदा को नुकसान होता है और पर्यावरण की क्षति भी होती है। साथ ही बड़ी संख्या में वन्य जीव जंतु भी प्राण गवां देते हैं। इसे रोकने के लिए वन विभाग व्यापक कार्यक्रम चला रही है, वनों को आग से बचाना सभी वर्गों का दायित्व भी है।
– देवलाल दुग्गा, उप वन मंडल अधिकारी बस्तर