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Film City in Bastar: बस्तर के साथ ही कई राज्यों के युवाओं को भी मिलेगा लाभ
इन दिनों वे साउथ के सिनेमा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनका कहना है बस्तर हमेशा संस्कृति का द्वीप रहा है और हमें संस्कृति की विकास के ऐसे कार्य करने की जरूरत है,जिससे की बस्तर के मजबूत संस्कृति की एक अलग पहचान हमेशा की तरह सबके बीच बना रहे। बस्तर ऐसी जगह है जहां फिल्म निर्माण के संभावनाओं को लेकर बहुत कुछ किया जा सकता है। भारतीय फिल्म व टेलीविजन संस्थान पुणे व राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली की तर्ज पर अध्ययन केंद्र प्रारंभ किये जा सकते हैं। इन संस्थाओं में बस्तर के साथ ही छत्तीसगढ़ के अलावा आस-पास कई राज्यों के युवाओं को इसका लाभ मिलेगा।
बस्तर से फिल्मकारों को जोड़ना होगा
नेहा पायल ने कहा कि बस्तर में सिनेमा को लेकर हमेशा एक आकर्षण रहा है। फिल्म आज का महाभारत हो या न्यूटन या फिर उंडा। इसके अलावा विश्व प्रसिद्ध फिल्म टाइगर बॉय चेंदरू की कहानी ने स्पष्ट किया है कि बस्तर में भी फिल्म निर्माण की संभावना है। बस्तर की हसीन वादियों में हर कोई फिल्म बनाना चाहता है यदि हम बस्तर से फिल्मकारों को जोड़ें तो आने वाले दिनों में हमें इसका लाभ देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि बस्तर में फिल्म निर्माण की संभावनाओं पर जितना काम होगा, उससे यहां के पर्यटन उद्योग को लाभ मिलेगा और रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेगी।
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साउथ में सिनेमा की अपनी समृद्ध संस्कृति है: नेहा पायल
Film City in Bastar: अभिनेत्री नेहा पायल ने कहा कि हमें फिल्मों के विकास के लिए साउथ की सिनेमा से प्रेरणा लेकर मजबूत फिल्म नीति बनानी चाहिए। उसके लिए आम लोगों के साथ-साथ फिल्म विधा के जानकारों को भी जोड़ा जाना चाहिए। अभिनेत्री नेहा पायल ने कहा कि बस्तर में बादल जैसी संस्था की शुरुआत की गई है जिसकी चर्चा भी है। इस संस्थान का लाभ बस्तर के युवा पीढ़ी को मिल सके और सिनेमा, कला व संस्कृति के क्षेत्र में बेहतर कार्य हो। इसके लिए बस्तर के ऐसे लोग जो फिल्म व संस्कृति के क्षेत्र में देश भर में काम कर रहे हैं उन्हें भी जोड़ा जाना चाहिए।