आगामी विधानसभा चुनाव में अबूझमाड़ का एक भी मतदाता मतदान नहीं करेगा और हमारा चुनाव बहिष्कार रहेगा। ऐसी सरकार को वोट देकर क्या करेंगे जो हमारी मांगों बातों को नहीं रख पा रही। ऐसी सरकार को हम अबूझमाड़ के लोग वोट ही नहीं करेंगे। आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे
रमेश गोटा, ग्रामीण अबूझमाड़
इस दौरान ग्रामीणों ने विधायक, जिला प्रशासन समेत अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है। लेकिन अभी तक ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे आक्रोशित अबुझमाड़ के ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने आव्हान किया है। जानकारी के अनुसार नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के इरकभट्टी, तोयामेटा, ढोंडरीबेड़ा और ओरछा के नदीपारा में अबूझमाड़ के ग्रामीण अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अक्टूबर 2022 से धरने पर बैठे हुए हैं।
इस दौरान ग्रामीणों ने विधायक, जिला प्रशासन समेत अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है। लेकिन अभी तक ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे आक्रोशित अबुझमाड़ के ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने आव्हान किया है। जानकारी के अनुसार नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के इरकभट्टी, तोयामेटा, ढोंडरीबेड़ा और ओरछा के नदीपारा में अबूझमाड़ के ग्रामीण अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अक्टूबर 2022 से धरने पर बैठे हुए हैं।
10 महीने से सारे कामकाज और अपना घर छोड़कर अबूझमाड़ के ग्रामीण मांगों के पूरा होने के इंतजार में हैं। लेकिन आज तक इनकी मांगों को सुनने इनके धरना स्थल तक कोई जिम्मेदार नहीं आया। न ही कोई जनप्रतिनिधि और न ही प्रशासन ने इस मामले में पहल की है.जिसे लेकर अब ग्रामीण गुस्से में हैं। ग्रामीणों ने एक स्वर में चुनाव का बहिष्कार करने की धमकी दी है।
नवीन प्रस्तावित कैंप के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग अबूझमाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 10 महीने से खुले आसमान के नीचे जंगलों के बीच अपनी तीन सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसमें मूल पेशा कानून लागू करने , वन संरक्षण अधिनियम 2022 और नवीन प्रस्तावित कैंप के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की गई है। इन मांगों को लेकर कई बार जिला मुख्यालय में हजारों ग्रामीणों के साथ जाकर ज्ञापन भी दिया गया। लेकिन अबूझमाड़ के ग्रामीणों की मांगों को सुनने और विचार करने का समय सरकार के पास नही है। तो फिर क्यों मतदान करके सरकार बनाए।