रविवार की देर दोपहर में हुई मौत, पूरा वद्धाश्रम में छाया मातम
दरअसल तारा श्रीवास्तव(७०) की पिछले कुछ समय से तबीयत ठीक नहीं थी। परिवार में कोई नहीं होने के चलते वे वृद्धा आश्रम में रहती थीं। रविवार को इलाज के दौरान उनकी मेकाज में उन्होंने अंतिम सांस ली। इस खबर की जानकारी जैसे ही वृद्धाश्रम में रह रहे लोगों को लेगी वहां का माहौल पूरा गमगीन हो गया। यहां रहे रहे लोग किसी परिवार के सदस्य की तरह रोने लगे। कहने लगे वह हमारे परिवार की अहम हिस्सा थी। मौत हुई तो उनकी अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से हुआ। यहां पूरे दिन मातम जैसा माहौल रहा।
एलेक्स फिर बने बेसहारा मृतिका के परिवार वाले
रेडक्रॉस के पूर्व उपाध्यक्ष एलेक्सजेंडर ने फिर एक बार ऐसी महिला का अंतिम संस्कार करवाया है जिसके परिवार में कोई नहीं था। उन्होंने एक फिर से अपनी जिम्मेदारी निभाई। गौरतलब है कि वे लंबे समय से इस दिशा में काम कर रहे हैं। कोराना काल में 354 लोगों से अधिक गैर परिवार या किसी बाहरी मृतक का यहां अंतिम संस्कार किसी परिवार वाले की तरह करवा चुके हैं। वहीं वृद्धाश्रम में भी 10 से अधिक ऐसे बेसहारा परिवार वालों का अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से करवा चुके हैं।
उनका अंतिम संस्कार पार्षद शंभू नाग, विजय पांडे, बालेश्वर पासवन, कौशिक शुक्ला, शंकर श्रीवास्तव, सुशील साहू, गुलेंदी जोशी, मीरा कश्यप, रामानंद शुक्ला, शेख अलाऊद्दीन, हितेंद्र, दीपक आचार्य, प्रबंधक अनिल देवांगन समेत अन्य लोग मौजूद थे।