scriptजानिए तीज उपवास को लेकर क्यों महिलाएं हैं असमंजस में, पढि़ए दो अलग अलग दिनों में तीज उपवास के महत्व को | Date of Haritalika Teej, right time for Haritalika Teej 2019 fasting | Patrika News
जगदलपुर

जानिए तीज उपवास को लेकर क्यों महिलाएं हैं असमंजस में, पढि़ए दो अलग अलग दिनों में तीज उपवास के महत्व को

Hartalika teej 2019 : पंचांगों के अनुसार हरतालिका तीज व्रत 1 सितंबर को है। जबकि अन्य पंचाग में व्रत 2 सितंबर को बताया जा रहा है।

जगदलपुरAug 29, 2019 / 11:16 am

Badal Dewangan

जानिए तीज उपवास को लेकर क्यों महिलाएं है असमंजस में, पढि़ए दो अलग अलग दिनों में तीज उपवास के महत्व को

जानिए तीज उपवास को लेकर क्यों महिलाएं है असमंजस में, पढि़ए दो अलग अलग दिनों में तीज उपवास के महत्व को

Hartalika teej 2019. पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाने वाला हरतालिका तीज व्रत इस बार 1 और 2 सितंबर को है। विद्वानों में व्रत की तिथि को लेकर मतभेद है। हिन्दी पंचांग के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह व्रत रखा जाता है।

छत्तीसगढ़ के स्थानीय पंचांगों में भी १ सितंबर को व्रत की तिथि दिखाई जा रही है। पंडितों का मत है कि भगौलिक स्थिति के अनुसार तिथि बदल जाती है। ऐसे में असमंजस में पडऩे की जरूरत नहीं है। हरतालिका तीज ज्योतिष गणना के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है।

1 सितंबर को तीज मनाया जाना उचित
चित्रा पक्षीय पंचांग में हरतालिका तीज 1 सितंबर रविवार को सुबह 8.28 के बाद लगेगी। जो इस तारीख को पूरे दिन रहने वाली है जबकि 2 सितंबर को तृतिया तिथि की समाप्ति सुबह 4.57 पर हो जाएगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी। जिस कारण 1 सितंबर को तीज मनाया जाना उचित है।

पूजन का शुभ मूहूर्त
हरतालिका तीज व्रत शुभ मुहूर्त जो व्रती 1 सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत रख रहे हैं उनके लिए पूजन का शुभ मुहूर्त शाम में 6 बजकर 15 मिनट से शुरु होकर 8 बजकर 58 मिनट तक है।

चतुर्थी युक्त तृतीया का सौभाग्य वृद्धि में विशेष महत्व
ज्योतिषीय गणना की मान्यता के अनुसार चतुर्थी युक्त तृतीया का सौभाग्य वृद्धि में विशेष महत्व है। 2 सितंबर को तृतीया का पूर्ण मान हस्त नक्षत्र का उदयातिथि योग तथा सायंकाल चतुर्थी तिथि की पूर्णता तीज पर्व की महत्ता को बढ़ाती है। इतना ही नहीं प्रमाण यह भी मिलता है कि हस्त नक्षत्र में तीज का व्रत खोलना वर्जित है। जबकि रविवार 1 सितंबर को व्रत रखने वाली महिलाओं को 02 सितंबर को भोर में पारण हस्त नक्षत्र में ही करना पड़ेगा जो शास्त्रों के अनुसार सही नहीं है। अगर 2 सितंबर को हरतालिका तीज व्रत रखा जायेगा तो 3 सितंबर दिन मंगलवार के भोर में चित्रा नक्षत्र में पारण होगा। जो कि सौभाग्य वृद्धि में सहायक माना गया है।

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