इस बार यह आयोजन लोगों के सहयोग से और भी ज्यादा भव्य हो गया। पिछले साल 81 हजार दीप जले थे तो वहीं इस साल यह आंकड़ा डबल से भी ज्यादा हो गया। इस साल 2 लाख 25 हजार दीप जलाए गए जबकि निगम ने 1 लाख 81 हजार 111 दीप जलाने का लक्ष्य रखा था लेकिन अंतिम दिन तक निगम को शहरवासियों का सहयोग मिलता रहा और यह आंकड़ा इतना बढ़ गया।
प्रदेश में पहली बार इतने व्यापक पैमाने पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया। दीप जलाने में 3500 लीटर तेल लगा तो वहीं इन दीप को जलाने की प्रक्रिया में युवोदय के वॉलेंटियर सुबह से शाम तक लगे रहे। इस मेगा इवेंट में शहर के 39 समाज और संगठन की भागीदारी रही। इसमें प्रमुख रूप से बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स, बस्तर परिवहन संघ, रोटरी क्लब, दलपत सागर बचाओ अभियान, इंद्रावती बचाओ अभियान, राजीव युवा मितान क्बल जैसे संगठन व लगभग सभी समाज शामिल रहे।
ऐतिहासिक दिन
दलपत सागर दीपोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम के लिए मंच रानीघाट रोड पर तैयार किया गया था। यहां पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर सफीरा साहू ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है। स्वच्छ जगदलपुर के संकल्प के साथ इतने बड़े पैमाने पर दीप जलाए जा रहे हैं। कार्यक्रम इस तरह से सफल हो जाएगा इसकी उम्मीद कम थी। लोगों ने अपना भरपूर सहयोग इस कार्यक्रम को दिया। शुरुआत से ही लोग इस अभियान से जुड़ते गए और आज तालाब में जगमगाने वाले दीप शहर की एकजुटता की भी मिसाल बनेंगे। सभी समाज और संगठन ने एकजुट होकर इस कार्यक्रम को इतना भव्य रूप दिया है इसके लिए हम सभी के आभारी हैं।
यह भी पढ़ें: अब केरल ही नहीं कोंडागांव में भी लगाई जाएंगी बेशकीमती पिपली की फसल, फेफड़े सहित कई रोगों की रामबाण दवा
इसी क्रम में संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा कि तालाब उपेक्षित था, हमारी सरकार बनते ही हमने इस पर काम शुरू किया और आज शहर की जनता हजारों की संख्या में जुटी है। इस कार्यक्रम के जरिए पूरे शहर में एकजुटता का संदेश गया है। हमारी सरकार तालाब को और बेहतर बनाने के लिए लगातार काम करती रहेगी। कार्यक्रम के दौरान आभार प्रदर्शन आयुक्त दिनेश नाग ने किया। कार्यक्रम में इंद्रावती विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ,पद्मश्री धर्मपाल सैनी, नगर निगम अध्यक्ष कविता साहू, कमिश्नर श्याम धावड़े, आईजी सुंदरराज पी, कलेक्टर चंदन कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र मीणा, सहित जनप्रतिनिधियों ने पूजा अर्चना कर दीपोत्सव के कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
आतिशबाजी के साथ मिला सिग्नल और जलने लगे दीप
तय कार्यक्रम के अनुसार तालाब के शिव मंदिर से आसमान में आतिशबाजी शुरू होते ही दीप जलाने का वॉलेंटियर्स को सिग्नल मिला और पूरे तालाब में दीप जगमगाने लगे। पहला दीप संसदीय सचिव रेखचंद जैन, महापौर सफीरा साहू और पद्मश्री धर्मपाल सैनी ने रानीघाट में जलाया इसके साथ ही 10 मिनट के भीतर पूरा तालाब दीपों से जगमगाने लगा। हालांकि बस्तर कैफे के बगल में बने नए घाट की तरफ सिग्नल मिलने से पहले ही दीप जलना शुरू हो गए थे। इस बिगड़ी हुई अव्यवस्था को वॉलेंटियर्स ने तत्काल संभाल लिया और फिर एक साथ दीप जलने शुरू हुए।
इतने लोग पहुंच गए कि ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई
इस कार्यक्रम का पूरा थीम शहर की जनता के बीच ही तैयार हुआ था और इसमें जनता की भागीदारी भी थी। ऐसे में कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उम्मीद से ज्यादा भीड़ पहुंच गई। पिछले साल कोरोना की वजह से उतनी भीड़ नहीं हुई थी। इस साल हालात सामान्य हैं तो भीड़ भी बढ़ गई। एक अनुमान के अनुसार 30 हजार से ज्यादा पब्लिक कार्यक्रम में शामिल हुई। इस बीच भीड़ अधिक होने की वजह से ट्रैफिक व्यवस्था बुुरी तरह से चरमरा गई। जब भीड़ कम थी तो चार पहिया वाहनों को एंट्री दे दी गई। पार्किंग की स्थिति भीड़ बढऩे पर बिगड़ गई। कार्यक्रम खत्म होने के घंटों बाद स्थिति सामान्य हुई।
लखमा सुबह पहुंचे और देखी तैयारी
दलपत सागर में आयोजित कार्यक्रम की तैयारी का अवलोकन प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने भी किया। इस अवसर पर सांसद दीपक बैज भी उपस्थित थे। उन्होंने इस आयोजन को बस्तरवासियों के जल और प्रकृति के प्रति प्रेम और आस्था का अनुपम उदाहरण बताते हुए इसकी प्रशंसा की।