गुप्तेश्वर में वैसे तो सालभर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। वहीं महाशिवरात्रि लाखों भक्त आते हैं। हर साल शिवरात्रि पर चार दिनों को मेला लगता है। शबरी नदी के दोनों ओर मेले के लिए दुकाने सज गई है, तो मंदिर में भी जोरों की तैयारियां चल रही है। मंदिर परिसर में रंग रोगन से लेकर साज-सज्जा तक लगभग सारे काम पूरे हो गए हैं। मंदिर के पुजारियों ने बताया कि महाशिवरात्रि पर ओडिशा, छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से हर साल एक से डेढ़ लाख भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
गुप्तेश्वर महादेव मंदिर को लेकर कई किवदंतियां है। कई लोग कहते हैं कि शिवजी भस्मासुर से बचने के लिए ब्राहम्ण के रूप में यहां शरण लिए थे। वहीं मंदिर के मुख्य पुजारी सदाशिव मिश्रा ने बताया कि १६६५ में भगवान भोलेनाथ लोक लोचन (दुनिया देखने) के लिए आए थे। इस दौरान एक शिकारी ने उन्हें यहां देख लिया। तब से यह मंदिर प्रसिद्ध है। 12 साल पहले मंदिर के चारों ओर वीरान जंगल हुआ करता था। मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढिय़ां भी नहीं थी। जैसे-जैसे मंदिर का प्रचार प्रसार बढ़ रहा है वैसे ही यहां पर भक्तों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।