वहीं भाजपा के सभी 19 पार्षद तय समय पर सुबह 11 बजे निगम कार्यालय पहुंच गए थे। कलेक्टर विजय दयाराम के भी सुबह 10.30 बजे निगम कार्यालय पहुंच गए थे। उन्होंने कोरम पूरा होने के लिए 11.15 बजे तक का इंतजार किया। इसके बाद कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं होने की घोषणा कर बाहर निकल गए। इसके बाद निगम कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष संजय पांडेय ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए कांग्रेसी शहर के बजट में भी शामिल नहीं हुए। यह शहर की जनता के साथ धोखा है।
उन्होंने कहा कि यह निगम के इतिहास का काला दिन है। कांग्रेसी अब पलायन के आदी हो चुके हैं। महापौर के बाद अब उन्होंने सभपति के अविश्वास प्रस्ताव में भी पलायन को ही चुना। इधर कांग्रेस भवन में अविश्वास प्रस्ताव के पर्यवेक्षक प्रमोद दुबे और रेखचंद जैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम अपनी रणनीति के तहत अविश्वास प्रस्ताव में शामिल नहीं हुए। उन्होंने प्रशासन का साथ लेते हुए बजट के दिन अविश्वास प्रस्ताव की तारीख तय की इससे स्पष्ट है के इनके लिए बजट महत्वपूर्ण है या सभापति की कुर्सी। हम सब एकजुट थे और हैं।