ऐसे में तीरथगढ़ जलप्रपात पिछले पंद्रह दिनों से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है जिससे यहां पहुंचने वाले हजारों पर्यटकों को मायूसी का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही तीरथगढ़ जल प्रपात के भरोसे जीवन यापन करने वाले स्थानीय युवकों और व्यवसायियों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
व्यवसायी व दर्जनों युवकों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या
तीरथगढ़ जलप्रपात के बंद होने से यहां के स्थानीय गाइड, महिला समूह और स्थानीय व्यवसायियों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गया है। पर्यटकों के लिए तीरथगढ़ का मार्ग बंद कर दिये जाने से इस इलाके में पूरी तरह सुनसान और सन्नटा पसरा हुआ है। इसके पहले इस जलप्रपात को देखने वालों से तीरथगढ़ सैलानियों से गुलजार रहता था। इस जलप्रपात के जरिए गाइड और व्यवसायियों सहित दर्जनों फोटोग्राफर भी बेरोजगार हो गए हैं और उनके समक्ष रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। यह भी पढ़ें
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Chhattisgarh Waterfall: बारिश के दौरान आते हैं सैंकड़ों पर्यटक
चित्रकोट जलप्रपात की तरह तीरथगढ़ जलप्रपात भी बारिश में अपने शबाब पर होता है। तीरथगढ़ जलप्रपात यहां पर लगभग 100 फीट की उंचाई से गिरता है और अनेक जलधाराओं में बंट कर पर्यटकों को अपनी खुबसूरत नजारों से लुभाती है। ऐसे में बारिश के दौरान स्थानीय निवासी भी इस नजारे को देखने भारी संया में यहां पहुंचते हैं। यह जलप्रपात पिछले पंद्रह दिनों से बंद कर दिया गया है। इसकी जानकारी नहीं होने से यहां आने वाले पर्यटक निरश होकर यहां वहां भटकतेे देखे जा रहे हैं। ज्यादा पानी होने और पर्यटकों के सुरक्षा कारणों के चलते जलप्रपात के आसपास जाने की मनाही है। चूंकि बारिश अब बंद हो चुकी है ऐसे में अगले एक दो दिनों में इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जायेगा।