अभी ये होती थी परेशानी
अभी तक नाम, पता सहित पटवारी रिकार्ड में गलतियों को सुधारने के लिए पहले एसडीएम कार्यालय में आवेदन देना पड़ता था। वहां से यह आवेदन तहसीलदार को भेजा जाता था। तहसीलदार, पटवारी को प्रतिवेदन तैयार करने के निर्देश देते थे। यह प्रतिवेदन पुन: एसडीएम कार्यालय भेजा जाता था। अब सीधे तहसील कार्यालय में आवेदन करना होगा, यहीं से त्रुटि सुधार किया जाएगा। राजस्व रिकॉर्ड में नाम सुधारना, खसरा सही नहीं होना, पटवारी रिकॉर्ड में गलती आदि राजस्व त्रुटियों के लिए अब एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। यह भी पढ़ें
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तहसीलदार क़ो पांच नए अधिकार मिलने क़े बाद राजस्व रिकार्ड में त्रुटि सुधार प्रकिया होगी सरल
● भूमि स्वामी, उसके पिता, पति के नाम, उपनाम, जाति, पते में त्रुटि सुधार।● कैफियत कालम में की गई त्रुटिपूर्ण प्रविष्टि में सुधार करना।
● त्रुटिवश जोड़े खसरों को अलग करना।
● भूमि के सिंचित अथवा असिंचित होने संबंधी प्रविष्टि में सुधार करना।
● भूमि के एक फसली अथवा बहु फसली की प्रविष्टि में त्रुटि सुधार करना।
राजस्व मामलों में तेजी के निर्देश
खेती-किसानी का सीजन शुरु हो चुका है। राज्य सरकार ने राजस्व के लंबित मामलों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। तहसीलदारों के अधिकारों में की गई बढ़ोतरी को भी इसी दिशा में किया गया प्रयास माना जा रहा है। वहीं अब सरकार के इस निर्णय के बाद लोगों को राहत मिलेगी। पटवारी रिकार्ड में त्रुटि सुधार कराने की प्रक्रिया को सरल करने का प्रयास सरकार के द्वारा किया गया। शासन के द्वारा तहसील को अधिकार प्रदत्त होने से लोगों को राहत मिलेगी और बेवजह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।