Chendru The Tiger Boy: कलाकार की पेंटिंग यूएस एंबेसी को पसंद आई
इन्हीं कलाकारों में बीजापुर के गुजराल सिंह बघेल, जतीन कोर्राम और हेमलता भारद्वाज शामिल हैं। गुजराल बताते हैं कि अभी वे पेंटिंग को फाइनल टच दे रहे हैं उसके बाद वे उसे एंबेसी को सौंप देंगे। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए और समूचे बस्तर के लिए गौरव का विषय है कि बीजापुर जैसे क्षेत्र के कलाकार की पेंटिंग यूएस एंबेसी को पसंद आई है। राष्ट्रपति भवन 15 से 31 अक्टूबर तक द आर्टिस्ट इन रेसीडेंस का आयोजन कर रहा है। इस आयोजन में बीजापुर के तीन कलाकारों को भी आमंत्रित किया गया है। राष्ट्रपति भवन इन जनजातीय कलाकारों को एक प्रतिष्ठित मंच प्रदान कर इनकी अनूठी प्रतिभाओं को उभारने का अवसर दे रहा है।
इन कलाकारों की रचनाओं को 31 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू देखेंगी और उन्हेें समानित करेंगी। यह आयोजन नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथारिटी (एनटीसीए) व सांखला फाउंडेशन के सहयोग से किया जा रहा है। (Chendru The Tiger Boy) इस स्पर्धा का उद्देश्य वन-वन्य प्राणी व उनकी जैवविविधता को बचाने में स्थानीय जनजातियों की सहभागिता को बताना है।
कौन है चेंदरू?
नारायणपुर के गढ़बेंगाल गांव का रहने वाला चेंदरू अपने बचपन के दिनों में एक टाइगर के साथ खेला करता था। टाइगर और चेंदरू की दोस्ती को स्वीडन के फिल्मकार ने एक फिल्म का रूप दिया और वह फिल्म द जंगल सागा के रूप में ऑस्कर तक पहुंची और अवार्ड भी जीता। तब से चेंदरू को द टाइगर ब्वॉय के रूप में जाना जाता है। आज चेंदरू इस दुनिया में नहीं है लेकिन अब भी देश-विदेश से बस्तर आने वाले पर्यटक चेंदरू के गांव तक जाते हैं।
माता मावली, चेंदरु व आंगा देव को उकेर रहे
Chendru The Tiger Boy: कलाकार गुजराल, जतीन व हेमलता ने बताया कि चूंकि वे बस्तर से हैं, उनकी आस्था माता मावली में है। माता मावली शेर की सवारी करती हैं। इसलिए वे शेर के संरक्षण को प्रमुखता से चित्रण कर रहे हैं। एक चित्र में चेंदरू व टाइगर के बीच की दोस्ती को दर्शाया गया है। इसके अलावा आंगादेव का चित्रण किया गया है। इनमें से एक पाट्रेट में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, राष्ट्रपति भवन व पृष्टभूमि में शेर को उभरा गया है।