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बताया जाता है कि वहां मौजूद जवानों का सामान, कपड़े और बिस्तर भी भीग गए है घटना की जानकारी मिलने के बाद कोबरा बटालियन के डीआईजी ए.पी. सिंह तत्काल कैंप पहुंचकर घायल जवानों से मिले और उनके शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की।(weather update) उन्होंने कैंप में हुए नुकसान का भी जायजा लिया। वही बड़ेगुड़रा में सीएएफ कैंप की दो बैरक की छत भी उड़ गई हैं। यह भी पढ़ें
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गुणवत्ताहीन बने हैं बैरक सीआरपीएफ का कैंप जिस जगह है वह छोटी पहाड़ी है। यहां का निर्माण ऊंचाई में है। यहां के निर्माण की गुणवत्ता को लेकर पहले ही सवाल उठ चुके हैं। पूर्व में भी हल्की हवा और बारिश में यहां बैरक की छतें उड़ चुकी हैं। एक जवान ने बताया कि कई बार निर्माण को लेकर शिकायत की जा चुकी है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। सुरक्षा बलों के कैंप निर्माण के लिए करोड़ों का बजट मिलता है। लेकिन निर्माण की गुणवत्ता अक्सर सवालों के घेरे में रही है। ( Weather Alert) नक्सलियों से दो-दो हाथ करने वाले जवानों की बैरकों की गुणवत्ता को लेकर जवानों की अपील पर ध्यान न दिया जाना दुर्भाग्यजनक है। यह भी पढ़ें
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30 लाख से अधिक का नुकसान जवानों ने बताया कि जब वह खाना खाने के बाद अपने बैरक में लेटे हुए थे, उसी वक्त तेज आंधी आई जिसमें 4 बैरक के शेड जवानों के ऊपर गिर गए। जिसमें कई जवान शेड के बड़े-बड़े एंगल में दबे हुए थे, जिन्हें रेस्क्यू करके बाहर निकाला गया। (CG Weather News) हालांकि जवानों की स्थिति सामान्य बनी हुई है। कैंप के डिप्टी कमांडेड विशाल वैभव ने बताया कि इस तूफान में क्षतिग्रस्त हुए बैरक में लगभग 30 लाख का नुकसान हुआ है। यह भी पढ़ें