CG News: प्रशासन से नहीं मिला सहयोग तो बंद गई योजना योजना
प्रशासन ने इसके लिए एक लग्जरी बस युवाओं को दी थी। इस बस में स्थानीय युवा गाइड के तौर पर पर्यटकों के साथ रहते थे। पर्यटन स्थलों पर भी अलग से स्थानीय युवा गाइड के तौर पर उपलब्ध होते थे। युवाओं को इस योजना से रोजगार भी मिल रहा था। इसे उन्होंने एक स्टार्टअप के रूप में शुरू किया था लेकिन समय के साथ प्रशासन से सहयोग नहीं मिला और योजना बंद हो गई। युवाओं को रोजगार भी
बस्तर दशहरा की प्रमुख रस्मों की शुरुआत नवरात्र के पहले दिन से होती हैं। इस साल 3 अक्टूबर को दशहरा शुरू हो रहा है। इससे पहले 2 तारीख को काछनगादी की रस्म पूरी की जाएगी। पूरे दस दिन तक
बस्तर में दशहरा का उल्लास चरम पर होगा। बस्तर दशहरा की इन प्रमुख रस्मों से जुडऩे के लिए हजारों पर्यटक बस्तर पहुंचते हैं।
छत्तीसगढ़ के अलावा पंश्चिम बंगाल, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र से पर्यटक यहां आते हैं। साथ ही विदेशी पर्यटक भी अलग-अलग देश से पहुंचते हैं। बस्तर के प्रमुख पर्यटन केंद्र चित्रकोट-तीरथगढ़ और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान तक जाने के लिए पर्यटकों को हजारों रुपए खर्च कर प्राइवेट टैक्सी बुक करनी पड़ती है।
बस्तर घुमाने के लिए घूमो बस्तर योजना
पर्यटकों को बस्तर घुमाने के लिए घूमो बस्तर योजना शुरू की गई थी, अब वह भी बंद हो चुकी है। साथ ही अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी सीधे इन पर्यटन केंद्रों तक नहीं जाते इस वजह से पर्यटकों को काफी परेशानी होती है। उन्हें पर्यटन केंद्रों तक जाने के लिए पांच से सात हजार रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं। चित्रकोट और तीरथगढ़ जैसे स्थानों तक नहीं है सीधी कनेक्टिविटी पर्यटकों को निजी टैक्सी पर हजारों रुपए खर्च कर घूमना पड़ता है बस्तर पर्यटन पर करोड़ों खर्च कर रहे लेकिन डेस्टिनेशन कनेक्टिविटी पर नहीं
गाड़ियों की बुकिंग के नाम पर होती है मनमानी वसूली
पर्यटकों से बस्तर घुमाने के नाम पर हजारों रुपए की वसूली ट्रैवल एजेंट करते हैं। ट्रैवल एजेंट के लिए दशहरा से जनवरी-फरवरी तक प्रमुख सीजन होता है। इस दौरान लाखों लोग बस्तर घूमने आते हैं। बस्तर में पर्यटन केंद्रों तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कनेक्टिविटी नहीं होने का फायदा ट्रैवल एजेंट उठाते हैं। ट्रैवल एजेंट्स के द्वारा लिए जाने वाले पैसों को लेकर भी कोई मॉनिटरिंग नहीं होती। इस सब के बीच नुकसान पर्यटकों को ही होता है।
जनप्रतिनिधि से लेकर जिमेदार अफसर तक मौन
बस्तर के पर्यटन केंद्रों के लिए स्पेशल बस शुरू किए जाने की मांग लंबे वक्त से की जा रही है लेकिन इस मामले पर बस्तर के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही जिमेदार अफसर मौन रहे हैं। घूमो बस्तर जैसी एक अच्छी योजना शुरू भी हुई लेकिन उसे लगातार प्रशासनिक मदद नहीं मिल पाई। अगर यह योजना आज चल रही होती तो बस्तर के युवाओं को रोजगार मिलने के साथ ही पर्यटकों को भी काफी सहूलियत होती है। विडंबना: एयर कनेक्टिविटी तो मिल गई लेकिन लोकल बस सेवा मुहैया नहीं
CG News: बस्तर इस वक्त देशभर के प्रमुख एयरपोर्ट से कनेक्टिंग लाइट के माध्यम से जुड़ चुका है। हैदराबाद और दिल्ली से यहां लाइट आ रही है। लाइट से भी बड़ी संया में पर्यटक आ रहे हैं।
बस्तर के लिए एक बड़ी विडंबना है कि एयर कनेक्टिविटी को मिल चुकी है लेकिन पर्यटन केंद्रों के लिए दो से चार बस जिमेदार शुरू नहीं करवा पा रहे हैं। पर्यटन विकास पर चिंता करने वाले कहते हैं कि कम से कम सीजन के दिनों के लिए बस मुहैया करवा दी जाए तो पर्यटकों को काफी सहूलियत हो।
स्पेशल बस शुरू हो, बननी चाहिए योजना
जीत सिंह आर्या, टूरिज्म एक्सपर्ट कहते हैं कि पर्यटकों को कम दाम में बस्तर घुमाने की योजना पर काम होना चाहिए। हर पर्यटक हजारों-लाखों रुपए खर्च कर घुमने नहीं आता इसलिए पर्यटन बस शुरू की जानी चाहिए। इसे लेकर पहले प्रयास हुए थे लेकिन चीजें लगातार आगे बढ़ नहीं पाईं।