महत्वपूर्ण बात यह है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अनावश्यक गतिविधियों के चलते नींद और शारीरिक स्वास्थ्य बाधित हो रही है। युवा पीढ़ी अंजान मित्रता, लाइक्स और निरर्थक कंटेंट में उलझ कर अपने आप को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
समाज और परिवार से अलग थलग : सोशल मीडिया प्लेटफार्म में प्रतिदिन औसतन 6 से 8 घंटे स्मार्टफोन में बिताने वाले युवा अपने आप को समाज और परिवार से अलग थलग महसूस करने लगता है। सोशल मीडिया पोस्ट की लाइक्स और निरर्थक कंटेंट में उलझकर युवाओं (CG News) में अनावश्यक रूप से अवसाद बढ़ रहा है। एक शोध के मुताबिक फेसबुक से डिप्रेशन का खतरा 7 प्रतिशत और चिड़चिड़ापन का खतरा 20 प्रतिशत बढ़ा है।
CG News: युवाओं में हिंसा, ठगी और क्रूरता के लक्षण
सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग से युवा वर्ग में न सिर्फ आत्मविश्वास कम हो रहा है, बल्कि अकेलेपन की वजह बनते जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया से जुड़ा हर पांचवें युवा में हिंसा, ठगी और क्रूरता के लक्षण सामने आए हैं। कुछ समय से सोशल मीडिया पर सभी वर्गों की सक्रियता बढ़ी है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित युवा वर्ग हुआ है। यहां तक कि आत्महत्या का याल भी युवाओं में बढ़ रही है। लंबे समय तक सोशल मीडिया पर बने रहने से मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत असर हो रहा है।
गतिविधियां शून्य
सोशल मीडिया की जकड़न में युवा शारीरिक गतिविधियों को भूल गया है। इससे मोटापा, अनिद्रा और आलस्य की समस्या बढ़ी है। एक स्टडी के मुताबिक, सोशल मीडिया से सुसाइड के मामले बढ़े हैं। सोशल मीडिया चेक और स्क्रॉल करना, पिछले एक दशक में तेजी से लोकप्रिय गतिविधि बन गयी है। सोशल मीडिया (CG News) एक व्यवहारिक लत बनती जा रही है, जो इस प्लेटफॉर्म पर लॉग ऑन करने या उपयोग करने के लिए एक अनियंत्रित आग्रह से प्रेरित होता है।