CG Naxal News: धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में बनेंगी सड़के
जानकार कहते हैं कि इन इलाकों में सड़क बन जाने के बाद फोर्स की आमद इन क्षेत्रों में बढ़ेगी। कैंप स्थापित होंगे तो नक्सलियों के बैकफुट पर जाएंगे। बीजापुर जिले के तर्रेम, एलमगुड़ा, सिलगेर, कोण्डापाली, पूवर्ती जैसे धुर नक्सल प्रभावित इलाके में सड़कें बनाई जाएंगी। इन इलाकों में रहने वाले आदिवासी अब तक पगडंडी पर चलते रहे हैं। लेकिन पहली बार वे चमचमाती सड़कों पर सफर करेंगे।केंद्रीय गृह सचिव ने इसी महीने प्रोजेक्ट की समीक्षा की
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने इसी महीने 17 तारीख को दिल्ली से ऑनलाइन बैठक लेते हुए इस पूरे प्रोजेक्ट की समीक्षा की है। छत्तीसगढ़ के पीडब्ल्यूडी अफसर इस बैठक में शामिल थे और गृह सचिव को अफसरों ने बताया कि सड़कों को तैयार करने की कार्य योजना तैयार है। इसी बैठक में तय किया गया कि इसकी मॉनिटरिंग गृह मंत्रालय के जिम्मे होगी।रक्त रंजित रहा है नक्सल प्रभावित सड़कों का इतिहास
बस्तर में अब तक तैयार नक्सल प्रभावित इलाकों की सड़कों का इतिहास रक्त रंजित रहा है। सड़क निर्माण के दौरान सुरक्षा में तैनात सैकड़ों जवान शहीद हो चुके हैं। दंतेवाड़ा जिले में पिछले दो दशक से बन रही अरनपुर-जगरगुंडा सड़क के निर्माण के दौरान दो सौ से ज्यादा आईईडी दबे थे। (CG Naxal News) इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रभावित इलाकों में सड़कें बनाना कितना चुनौतीपूर्ण है। बस्तर जिले में आने वाली पल्ली-बारसूर का निर्माण भी ढाई दशक में पूरा हुआ। यह भी पढ़ें