CG Naxal: मानसून में नक्सलियों का खात्मा करने फोर्स को बारिश में लडऩे की स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है। आंध्र के ग्रेहाउंड्स और नॉर्थ ईस्ट की स्पेशल फोर्सेस से 2 हजार से ज्यादा जवान ट्रेनिंग लेकर लौट चुके हैं।
CG Naxal: नक्सलियों को उनके मांद में घुसकर मार रही फोर्स बारिश में भी रुकने वाली नहीं है। आमतौर पर बारिश के दिनों में बस्तर के नदी-नाले उफान पर होते हैं और उस दौरान (CG Naxal) ऑपरेशन लांच करना मुश्किल होता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। फोर्स को बारिश में लडऩे की स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है। आंध्र के ग्रेहाउंड्स और नॉर्थ ईस्ट की स्पेशल फोर्सेस से 2 हजार से ज्यादा जवान ट्रेनिंग लेकर लौट चुके हैं।
बताया जा रहा है कि बारिश में फोर्स दोगुनी ताकत के साथ ऑपरेशन में जाने के लिए पूरी तैयार है। बस्तर में बीते पांच महीने में फोर्स को जैसी सफलता मिली है, उसी तरह से बारिश के दिनों में भी फोर्स नक्सलियों से मुकाबले के लिए तैयार है। बताया जा रहा है बारिश के लिए बस्तर पुलिस ने एक अलग (CG Naxal) रणनीति तैयार की है और उसी रणनीति के तहत फोर्स आगे बढ़ेगी। बारिश में ऑपरेशन में जाने वाले जवानों को कठिन हालात में लडऩे के लिए ट्रेंड किया गया है।
CG Naxal: हार्डकोर नक्सली रहेंगे टारगेट में
बारिश के दिनों में बस्तर में नक्सल गतिविधि कम हो जाती है। इस दौरान नक्सलियों के मिलिशिया सदस्य खेती-किसानी के काम में लग जाते हैं तो वहीं हार्डकोर नक्सली खुद के लिए तैयार स्पेशल कैंप में शरण लिए रहते हैं। इन कैंप में थ्री लेयर सिक्योरिटी होती है। सुरक्षा बल के निशाने में हार्डकोर नक्सली ही रहेंगे। पिछले पांच महीने में हार्डकोर नक्सलियों के एक दर्जन से अधिक कैंप ध्वस्त किए जा चुके हैं। अबूझमाड़ के छोटे बेठिया की जिस मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे वह इसी तरह का कैंप था। ऐसे कैंप बारिश में भी निशाने पर होंगे।
बारिश में मांद में घुसे तो मिलेगी बड़ी सफलता
नक्सली ठंड और गर्मी के मौसम में लगातार अपना ठिकाना बदलते रहते हैं, अगर मुठभेड़ होती है तो वे भाग भी निकलते हैं। बारिश के मौसम में ज्यादातर नक्सली एक ही जगह कैंप लगाकर रहते हैं और अगर इस दौरान ऑपरेशन लांच होता है, फोर्स नक्सलियों के मांद में घुसती है तो उसे बड़ी सफलता मिलेगी क्योंकि (CG Naxal) बारिश में नक्सलियों को भागने का ज्यादा मौका नहीं मिलेगा।
इंटर स्टेट ऑपरेशन के लिए भी बना माहौल
छत्तीसगढ़ में पहले से भाजपा की सरकार है और अब आंध्रप्रदेश और ओडिशा में भी भाजपा आ चुकी है। ऐसे में इंटर स्टेट ऑपरेशन में समन्वय बनाने में दिक्कत नहीं आने वाली। हालांकि बारिश के दिनों में अब तक बड़े इंटर स्टेट ऑपरेशन नहीं हुए हैं लेकिन इस बार जैसी स्थिति उसे देखते हुए माना जा रहा है कि यह भी हो सकता है।
CG Naxal: बस्तर में पांच महीने में मिली सफलता के आंकड़े
5 महीने में 71 बार नक्सलियों से मुठभेड़ 123 नक्सली ढेर किए गए अब तक 136 हथियार नक्सलियों से मिले अब तक
399 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया 86 कैंप नक्सलियों के इलाके में खुले
फ्लो नहीं टूटेगा, हमारे जवान पूरी तरह से तैयार
बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी. ने बताया – हमारे जवान बारिश में ऑपरेशन पर जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अभी जो चल रहा है उसका फ्लो नहीं टूटने वाला है। ग्रेहाउंड्स के अलावा नॉर्थ ईस्ट में मिजोरम के स्प्ेशल फोर्सेस से ट्रेंड होकर हमारे जवान लौटे हैं। इसके अलावा जहां भी (CG Naxal) जंगलवार की ट्रेनिंग होती है वहां से जवानों को ट्रेनिंग दिलवाई गई है। इसका हमें फायदा होगा।
जवानों की बड़ी सफलता
समूचे बस्तर में फोर्स के जवानों का मनोबल भी इस वक्त काफी ऊंचा है। कांकेर जिले के माड़ इलाके में बीते महीने 16 तारीख को हुई मुठभेड़ में जवानों ने 29 नक्सलियों को जब मार गिराया तो इसे फोर्स की सबसे बड़ी सफलता बताया गया। नारायणपुर जिले में मंगलवार को हुई मुठभेड़ में भी जवानों ने बेहद सुनियोजित तरीके से 10 नक्सलियों को मारा।
CG Naxal: घने जंगलों में जवान चला रहे सर्चिंग ऑपरेशन
नक्सलियों का खात्मा करने जवानों ने कार्रवाई तेज कर दी है। एक तरफ जो नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते है उनके लिए पुलिस अधिकारी बस्तर के इलाकों में जा-जाकर अभियान चला रहे है। पुलिस द्वारा अभियान चलाने से नक्सली प्रेरित होकर आत्मसमर्पण कर रहे है। वहीं कुछ आतंकी जंगलों में छिपकर उत्पात मचा रहे है। इन आतंकियों के लिए जवान घने जंगलों में सर्चिंग ऑपरेशन चला रहे है। बता दें कि (CG Naxal) 100 दिनों में जवानों ने मुठभेड़ में 105 आतंकियों को मार गिराया है।
Hindi News / Jagdalpur / CG Naxal: जवानों का मानसून ऑपरेशन शुरू, हार्डकोर नक्सली होंगे टारगेट, 2000 स्पेशल फोर्सेस ट्रेंड