CG Flood: बाढ़ से बस्तर संभाग प्रभावित
बाढ़ से बस्तर संभाग के बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के इलाके भी काफी प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा स्थिति बस्तर जिले की खराब है। विगत दो दिनों से हो रही बारिश और इन्द्रावती नदी से पानी का जल स्तर सोमवार रात से ही खतरे के निशान से ऊपर तक पहुंच चुका था। इसके चलते रात डेढ़ बजे कोटवार के माध्यम से नदी किनारे बसे बस्तियों में मुनादी करवाई गयी। शहर के नदी किनारे बसे गांवों में से अब तक लोगों को अलर्ट किया गया है। कच्चे और छोटे घरों में रहने वाले लोगों को मंगलवार की रात दहशत में गुजारना पड़ा है। (CG Flood) इलाके को अपने में ले लिया है, कई दर्जन भर से अधिक का सडक संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। गांव के ग्रामीण गांव में ही ठहर से गए है। जरूरी सामग्री के लिए वे शहर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिला प्रशासन के अधिकारी ऐसे गांवों में जरूरी सामग्री पहुंचाने का काम कर रही है।
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गणपति रिसोर्ट से आवाजाही बंद
इस कारण इंद्रावती नदी, गणपति रिसॉर्ट से आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंधित लगा दिया गया है। दोनों और एसडीआरएफ और यातायात पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से लोगों को नदी पार नहीं करने की सलाह दी गई है। आवाजाही बंद होने से मार्ग बदलकर ग्रामीण शहर पहुंच रहे हैं। (CG Flood) गणपति रिसोर्ट मार्ग में पानी भरने की वजह से गोरिया बहार नाला पर बने नए पुल को पारकर लोग पहुंच रहे हैं। यहां पर बारिश के पानी से शिव मंदिर भी डूब गया है, वहीं आसपास के खेत पानी में डूब गए हैं।शिव मंदिर व मुक्तिधाम में पानी
इसके अलावा रामपाल, उपनपाल, नगरनार, मैजापदर, नदी बोड़ना, कोसमी, माडपाल, कुडकानार, सहित कई गांव में पानी के चलते ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। (CG Flood) दूसरी तरफ शहर के महादेव घाट, कोकापाल, आमागुड़ा में बाढ़ का पानी नीचले इलाकों में घुस आया है। नदी किनारे बने मुक्तिधाम को भी बाढ़ के पानी ने अपने चपेट में ले लिया है। CG Flood: मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को जिले भर में कुल 92 एमएम बारिश दर्ज की गई। साथ आज कम बारिश होने की संभावना व्यक्क्त की गई है। इंद्रावती नदी में जल स्तर पर केन्द्रीय जल आयोग की नजर है। रात भर आपदा प्रबंधन और आयोग के अधिकारी-कर्मचारी इंद्रावती नदी के जल स्तर का जायजा ले रहे थे। वहीं बाढ़ में किसी भी परिस्थतियों से निपटने एसडीआरएफ के जवान तैनात हैं। गौरतलब है कि इस मानसून में लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक बारिश बस्तर जिल में हो चुकी है।