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छोटे पैमाने पर लगे हैं प्रोसेसिंग यूनिटकाजू के बेहतर उत्पादन को देखते हुए जिला उद्योग केंद्र की मदद से बकावंड ब्लाक में तुरेनार, राजनगर सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में लघु आकार के प्रोसेसिंग यूनिट लगाए गए हैं। यहां साल भर प्रोसेसिंग व पैकेजिंग किया जा रहा है। (cg news today) साधारण सी मशीनरी से विभिन्न आकार के नट का उत्पादन किया जा रहा है। काजू के इन नट को लोग हाथों- हाथ खरीद रहे हैं। इसके अलावा राज्य शासन के शबरी मार्ट, संजीवनी मार्ट व ट्राइफेड के ट्राइव आउटलेट में बस्तर का काजू बिक रहा है। ट्राइफेड इसे बस्तर ब्रांड के नाम से विदेशों में निर्यात कर रहा है। (cg hindi news) आर्गेनिक होने की वजह से इसकी काफी डिमांड है।
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बाय प्रोडक्ट का भी है बड़ा बाजार जानकारों ने बताया कि काजू के संग्रहण व प्रोसेसिंग का कारोबार दस गुना मुनाफा दे रहा है। इसके साथ ही साथ काजू के बाद बचे छीलन से तेल, कतरन से पालिश व अन्य बचे मटेरियल के बाय प्रोडक्ट का एक बड़ा बाजार है। (cg bastar news) साफ जाहिर है कि आने वाले दिनों मे काजू बस्तर का ब्रांड बन जाएगा। करमरी की समूह संचालिका रुकमणी ने बताया कि बीते साल 13 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव से काजू नट खरीदा था, प्रोसेसिंग के बाद आठ सौ रूपए प्रति किलो की दर से ग्राहकों को काजू बेच रहे हैं। बस्तर में काजू के संग्रहण, उत्पादन, पैकेजिंग व मार्केटिंग का सारा जिम्मा महिलाओं ने संभाल रखा है। इससे उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो रही है। उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधर रही है। यह भी पढ़ें
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10000 हेक्टेयर में– 10000 हेक्टेयर में हुआ है काजू का प्लांटेशन – 9000 मेट्रिक टन काजू नट का हो रहा है उत्पादन – 600 से एक हजार रू प्रति किलो की दर से हो रही बिक्री
– 100 करोड़ के बाय प्रोडक्ट सीएनएसएल की संभावना
काजू से हो सकती है बेहतर आमदनी
बस्तर की आबोहवा काजू के लिए मुफीद है। कृषि कालेज अच्छी गुणवत्ता के लिए वेंगुरला व इंदिरा वेरायटी के पौधे लगाने जरुरी जानकारियां उपलब्ध करा रहा है। इसकी प्रोसेसिंग यहीं होने से अच्छी खासी आमदनी हो सकती है।
ब्लॉक रकबा | काजू का हेक्टेयर | उत्पादन मीट्रिक टन |
बस्तर | 1381 | 1091 |
बकावंड | 1848 | 1491 |
जगदलपुर | 1382 | 1096 |
तोकापाल | 1841 | 1477 |
दरभा | 1527 | 1237 |
लोहांडीगुड़ा | 933 | 736 |
बास्तानार | 379 | 9385 |
काजू से हो सकती है बेहतर आमदनी
बस्तर की आबोहवा काजू के लिए मुफीद है। कृषि कालेज अच्छी गुणवत्ता के लिए वेंगुरला व इंदिरा वेरायटी के पौधे लगाने जरुरी जानकारियां उपलब्ध करा रहा है। इसकी प्रोसेसिंग यहीं होने से अच्छी खासी आमदनी हो सकती है।
– डा. विकास रामटेके, कृषि वैज्ञानिक, उद्यानिकी कालेज