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जगदलपुर

बस्तर में फल फूल रहा काजू का व्यापार, लगातार बढ़ रहा पैदावार

Jagdalpur News: शहर में इन दिनों जगह जगह चौंक चौराहों और सड़कों पर काजू की बिक्री होते देख सकते हैं।

जगदलपुरOct 18, 2023 / 12:36 pm

Khyati Parihar

Cashew business is flourishing in Bastar News

बस्तर में फल फूल रहा काजू का व्यापार

जगदलपुर। Chhattisgarh News: शहर में इन दिनों जगह जगह चौंक चौराहों और सड़कों पर काजू की बिक्री होते देख सकते हैं। ये काजू व्यापारी बस्तर के काजू प्लांटेशन में पैदा हुए काजू बेचते हैँ और इसे काफी संख्या में लोग खरीद भी रहे हैं। यहां का काजू अब छत्तीसगढ़ से निकलकर देश दुनिया में पहुंचने लगा है। वनोपज के बाद यहां के आदिवासी काजू की खेती भी कर रहे हैं। जिले के बकावंड में ही खासी मात्रा में काजू का उत्पादन किया जा रहा है। वैसे बस्तर में 50 हजार क्विंटल से अधिक काजू उत्पादन हो रहा है और लगभग 10 हजार लोग काजू उत्पादन के क्षेत्र से जुड़कर लाभान्वित हो रहे हैं।
4 से 5 वर्षों में तैयार होता है पेड़

बकावंड ब्लॉक के काजू की प्लांटेशन करने वाले महेंद्र कुमार सेठिया का कहना है कि काजू के पेड़ चार से पांच वर्ष में तैयार हो जाता है और फल देने लगता है। बस्तर में काजू प्लांटेशन के लिए उचित जलवायु और मिट्टी होने के कारण बड़ी संख्या में कृषक काजू के प्लांटेशन कर रहे हैं। पेड़ तैयार होने के बाद इसकी देखभाल व रखरखाव पर खर्च शून्य होता है। ग्राम पंडेनार का सरपंच विपत सिंग का कहना है कि प्रदेश सरकार अगर किसानों को काजू प्लांटेशन के लिये प्रोत्साहित करे तो बस्तर के किसान अपने निजी भूमि में काजू का प्लांटेशन करने आगे आ सकते हैं।
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बस्तर का काजू ठोस व स्वादिष्ट

जगदलपुर शहर के चौक चौराहों पर आसानी से मिल रहे काजू बाजार में मिलने वाले अन्य प्रदेशों के काजू से कहीं ज्यादा स्वादिष्ट व ठोस है । पॉलिश नहीं होने के कारण यह नैचुरल स्वाद देता है और इसे लोग पसंद करते हैं। प्लांटेशन में कच्चे काजू को तोड़कर 120 रूपये से 150 रूपये प्रति किलो में बेचा जाता है। बाद में इसे प्रोसेसिंग यूनिट में ले जाकर प्रोसेस कर खाने लायक तैयार किया जाता है। शहर में स्थानीय काजू 500 से 600 रूपये प्रति किलो बिक रहा है।
10 हजार को मिला रोजगार बस्तर जिले में काजू के अच्छी पैदावार होने की संभावनाओं को देखते हुए किसानों को प्लांटेशन के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा वन विभाग के साथ-साथ उद्यानिकी विभाग भी काम कर रही है और मनरेगा के तहत प्लांटेशन किया जा रहा है। बकावंड ब्लॉक में प्रोसेसिंग यूनिट लगाया गया है जहां स्थानीय महिला स्व सहायता समूह के जरिए काजू का प्रोसेसिंग किया जा रहा है। इसे बस्तर काजू के नाम से पैकेजिंग कर मार्केट में बेचा जा रहा है। यहां प्रति वर्ष 50 हजार क्विंटल से ज्यादा काजू का उत्पादन हो रहा है। खास बात यह है कि बस्तर में काजू उत्पादन में 10 हजार परिवार जुड़े हैं और आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।
बस्तर के काजू अन्य प्रांत के काजू से स्वाद में बेहतर है, इसके ठोस और स्वादिस्ट होने के कारण इसे लोग पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि प्रतिदिन एक क्विंटल से अधिक काजू खप जाता है। – के श्रीनिवास, काजू व्यापारी

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