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क्या कहते हैं एक्सपर्ट महरानी अस्पताल जगदलपुर में कैंसर मरीजों के लिये डे केअर कीमोथैरेपी की सुविधा दीर्घायु वार्ड के माध्यम से पहले ही दी जा चुकी है। वर्तमान में कैंसर इलाज की सुविधाओं में विस्तार करते हुए, दीर्घायु वार्ड प्लस के नाम से स्माल बॉयोप्सी, सी.टी. गाइडेड जांच रेडियोलॉजिस्ट के साथ की जा रही है। यह भी पढ़ें
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प्रबल इच्छाशक्ति की बदौलत जीती जंग बकावण्ड ब्लॉक के तारापुर ग्राम में रहने वाले 38 वर्षीय गंगाराम भारती जो कि एक किसान हैं उन्होंने बताया कि 2 साल पहले वे आंखों में दर्द की समस्या से जूझ रहे थे। इलाज के लिये रायपुर गए जहां उन्हें कैंसर रोग से ग्रसित होने के बारे में पता चला। (CG News Update) शुरुआत में 3 महीने तक रायपुर में रहकर अपना इलाज करवाया, इस दौरान उनके पिताजी का देहांत हो गया। आर्थिक स्थिति भी ठीक नही थी ऐसे में आगे का इलाज कराना गंगाराम के लिये सम्भव नही था। इसलिये वे वापस अपने गांव आ गए। कुछ महीने तक शारीरिक पीड़ा और मानसिक रूप से घिरे रहने के कारण उन्होंने आगे अपना इलाज कराने का सोचा और अपनी जमीन बेचकर इलाज के लिये कुछ पैसे जमा किये। (CG News Today) फिर वे बेहतर इलाज के लिये विशाखापत्तनम गए। विशाखापत्तनम में 2 कीमोथेरेपी करवा लेने के बाद एक मेडिकल वाले ने उन्हें जगदलपुर में, कैंसर के इलाज की सुविधा होने के बारे में जानकारी दी। तब उन्होंने बिना देरी किये जिला अस्पताल जगदलपुर में कैंसर से सम्बंधित डॉक्टर से सम्पर्क किया।
अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ.बी.एल.शर्मा ने आश्वस्त किया कि उनका इलाज यहां भी सम्भव है। कुछ जरूरी जांच के पश्चात मुझे नि:शुल्क कीमोथेरेपी की सुविधा दी गयी जिसके बाद आज मैं पूर्णत: स्वस्थ हूं।(jagdalpur news update) डॉक्टर की गहन देखरेख और प्रबल इच्छाशक्ति की बदौलत आज मैंने कैंसर से जंग जीत ली है, और अब कुछ परिचित लोग जो कैंसर का इलाज करवा रहे उन्हें भी हिम्मत देते हुए प्रेरित कर रहा हूँ।’’
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केस 2 कैंसर से लड़ते-लड़ते कोविड़ हुआ, दोनो को दी पटखनी सुकमा जिले में रहने वाली 18 वर्षीय साक्षी कश्यप बताती हैं कि लगभग 2 वर्ष पहले मेरे पेट मे तेज दर्द, शरीरिक कमजोरी, और लगातार बुखार होने के कारण मैं कई महीने तक बीमार रही। नजदीकी अस्पताल में डॉक्टर द्वारा रक्त की कमी का इलाज भी करवाया लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नही हुआ। बार-बार शरीर मे रक्त की कमी हो जाने के कारण एक बार गम्भीर अवस्था मे महारानी अस्पताल जाना पड़ा जहां उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। प्रारम्भिक जांच के दौरान रक्त कैंसर के संकेत मिले थे। डॉक्टर द्वारा बोन मैरो और अन्य प्रमुख जांच से शरीर मे इस बीमारी के होने के बारे में पता चला। आईसीयू में भर्ती रहने के दौरान गम्भीर अवस्था मे ही मेरा इलाज प्रारम्भ किया गया। (jagdalpur news today) इस बीच मुझे कोविड-19 का संक्रमण भी हुआ। कोविड से भी जंग जीती साथ ही लगातार चले कैंसर के इलाज से आज वह पूर्णत: स्वस्थ हैं। अब वह अपनी पढ़ाई फिर से प्रारम्भ कर चुकी है।