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बताया जा रहा है कि नियुक्ति के साथ ही सोमवार को पर्यवेक्षकों ने सभी पार्षदों ने वन टू वन बातचीत की है। निगम में संख्या बल के हिसाब से कांग्रेसी पार्षदों की संख्या ज्यादा है। अभी सदन में कांग्रेस के 29 पार्षद हैं। इस बीच चर्चा यह भी है कि कुछ पार्षद सभापति से नाराज हैं। इसी नाराजगी को दूर करने का काम पर्यवेक्षकों को सौंपा गया है। वोटिंग के दौरान कांग्रेस के लिए एक-एक वोट कीमती होगा।
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महापौर के खिलाफ वोटिंग नहीं हो पाई थी पिछली बार भाजपा पार्षदों ने महापौर सफीरा साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। इसके लिए तय तिथि पर कांग्रेसी पार्षद शहर से बाहर थे और कोरम पूरा नहीं होने की वजह से वोटिंग नहीं हो पाई थी। इस बार ऐसी स्थिति बनती नहीं दिख रही है। दरअसल 11 तारीख को ही निगम की सामान्य सभा भी है इसलिए माना जा रहा है कि कांग्रेसी सदन में ही मौजूद रहेेंगे और वोटिंग भी होगी।
फिर भागने की तैयारी में कांग्रेस नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष संजय पांडेय ने कहा कि कांग्रेस इस बार फिर अविश्वास प्रस्ताव से भागने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि जानबूझकर बजट की तारीख 11 मार्च तय की गई। अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए ऐसा किया जा रहा है। पांडेय ने कहा कि कांग्रेस अपने ही जाल में फंसती जा रही है।