यह भी पढ़ें : CG Assembly Election 2023 : जगदलपुर में जनसभा को सम्बोधित करेंगे गृहमंत्री अमित शाह इस दिन शाम को सिरहासार भवन में आमाबाल से रघुनाथ नाग अपने परिवार और ग्रामीणों के साथ पहुंचे थे। यहां पर जोगी बनने से पहले उन्हें नए वस्त्र धारण कराया गया। इसके उपरांत पुजारी और ग्रामीणों के साथ सिरहासार भवन के सामने स्थित मावली माता मंदिर पहुंचकर आशीर्वाद मांगा। सफेद कपड़ों से ढ़ंककर वापस सिरहासार भवन लाया गया। इसके बाद रघुनाथ नाग ने जोगी बिठाई की रश्म पूरी की। इससे पूर्व उनके पिता भगत राम नाग जोगी और भाई दौलत राम नाग भी जोगी बन चुके हैं।
यह भी पढ़ें : CG Election 2023 : कांग्रेस के 11 नाम घोषित, चार विधायकों के टिकट कटे, जगदलपुर का ऐलान अभी बाकी जोगी रघुनाथ नाग के साथ इन नौ दिनों तक पुजारी डमरुराम रहेंगे। उन्होंने बताया कि दरअसल बस्तर दशहरा में जोगी से तात्पर्य योगी से है। इस रस्म में एक कहानी जुड़ी हुई है। मान्यता के अनुसार सालों पहले दशहरा पर्व के दौरान हलबा जाति का एक युवक जगदलपुर स्थित राजमहल के नजदीक तप की मुद्रा में निर्जल उपवास पर बैठ गया था, दशहरे के दौरान 9 दिनों तक बिना कुछ खाए पिये मौन अवस्था में युवक के बैठे होने की जानकारी जब तत्कालीन बस्तर के महाराजा प्रवीण चंद्र भंजदेव को मिली तो वे स्वयं मिलने योगी के पास पहुंचे, और उससे तप पर बैठने का कारण पूछा, तब योगी ने बताया कि उसने दशहरा पर्व को निर्विघ्न और शांति पूर्वक रुप से संपन्न कराने के लिए यह तप किया है।